कतरीसराय (नालंदा दर्पण)। बीते शुक्रवार को प्रखंड में आए सात प्रवासी मजदूरों के जत्थे ने राज्य की नीतीश सरकार की सारी सच्चाई को खोल कर रख दिया है।
क्योंकि राज्य सरकार अन्य सभी राज्यों में बसे प्रवासियों के लिए मुफ्त ट्रेन चलाने का दम भर रही है, वहीं बाहर से लौट रहे प्रवासी अपना किराए का पैसा भुगतान कर टिकट ले रहे हैं।
यह सच्चाई देखने को कतरी सराय में मिला। जहाँ दरवेशपुरा गांव के सूरत से आए सात प्रवासी अमृता देवी राकेश कुमार लव कुमार मधुरेश कुमार राजीव कुमार कमलेश कुमार तथा राजीव कुमार ने बताया कि हम लोग सूरत में रहकर दैनिक मजदूरी का काम करते थे।
जब देश में वैश्विक महामारी के संक्रमण से बचने के लिए लॉकडाउन लगाया गया तो हम लोगों का रोजगार छिन गया। भूखे रहने कि स्थिति आ गई तो अपने घर वापसी के लिए लालाइत हो गए।
राज्य सरकार की घोषणा के साथ हम लोगों ने सभी सरकारी प्रक्रिया पूरी किऐ। सरकार की ट्रेन हम लोगों को अपने राज्य तक मुफ्त में पहुंचाएगी। किंतु स्टेशन आने पर बिना टिकट कटाऐ हम लोगों को स्टेशन में प्रवेश होने की अनुमति नहीं मिली।
वे लोग सूरत से पूर्णिया तक 765 रुपया प्रति व्यक्ति टिकट का पैसा भुगतान किए। उनके बाद ही स्टेशन में प्रवेश करने की अनुमति दी गई है।