बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार के सीएम नीतीश कुमार का गृह जिला होने के नाते सत्ताधारी की नजर में नालंदा जिला का जितना नाम है, वहीं विपक्ष के हवाले बदनाम भी। बदनाम इसलिए कि सूबे के कई क्षेत्रों के छुट्टेभैये नेता से लेकर प्रतिपक्ष नेता तक यह बोल चुकें हैं कि बिहार में विकास सिर्फ नीतीश कुमार के जिले में दिखता है।
यहां हर तरफ विकास योजनाओं में शाजिसन सिर्फ लूट-खसोंट की गई है। अफसर-नेता-दलाल-ठेकेदारों ने मूल संरचना को ही नष्ट कर डाला है। बात चाहे सीएम सात निश्चय की हो या फिर गांव-गांव सड़क बनाने की। सब कुछ सुविधा कम और उससे कहीं अधिक मुसीबत बनी दिख रही है।
बहरहाल, नालंदा विधानसभा क्षेत्र को देखिए। विगत 25 साल से यहां की लगाम अंतोगत्वा श्री सरवन कुमार के हाथ में है। पिछले एक दशक से वे नीतीश सरकार में मंत्री हैं। फिलहाल वे निवर्तमान विधायक सह ग्रामीण विकास कार्य मंत्री हैं। लेकिन जिले की विकास योजनाओं में सबसे अधिक लूट-पाट यहीं दिखता है।
उदाहरणार्थ, सिलाव प्रखंड के बड़गाँव से जगदीशपुर गाँव तक जाने वाली करीब तीन किलोमीटर लंबी सड़क का हाल देखिए। इस सड़क का निर्माण कार्य नवंबर, 2018 में ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा किया गया है। लेकिन यह निर्माण कार्य में हुई लूट-खसोंट के कारण महज डेढ़ साल में ही दम तोड़ रहा है।