बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण संवाददाता)। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बिहार में चल रहे राजस्व महा-अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विभाग ने सभी जिला समाहर्ताओं को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि अब किसी भी हलके (पंचायत) में आवश्यकता पड़ने पर दो से अधिक अतिरिक्त शिविर आयोजित किए जा सकते हैं। इस निर्णय से ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि-संबंधी समस्याओं के समाधान में तेजी आने की उम्मीद है।
विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी जिला समाहर्ताओं को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभियान की प्रगति समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि कई हलकों में केवल दो शिविरों के माध्यम से सभी आवेदकों की समस्याओं का समाधान संभव नहीं हो पा रहा है। इसलिए स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अंचल अधिकारी अपने स्तर पर अतिरिक्त शिविर आयोजित कर सकेंगे। साथ ही, यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि अतिरिक्त शिविरों से अभियान की अन्य गतिविधियां प्रभावित न हों।
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जनप्रतिनिधियों को उनके नाम से संबंधित भूमि की जमाबंदी पंजी की प्रति और आवेदन फॉर्म उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। विभाग का मानना है कि रैयतों की तरह जनप्रतिनिधियों को यह सुविधा प्रदान करने से वे अभियान की निगरानी और जागरूकता कार्य में अधिक सक्रियता से भाग ले सकेंगे। इससे अभियान की पहुंच और प्रभावशीलता में और वृद्धि होगी।
सचिव जय सिंह ने विशेष रूप से महादलित टोलों और बस्तियों पर ध्यान देने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर बंदोबस्त की गई भूमि की जमाबंदी पंजी की प्रति महादलित परिवारों तक समय पर नहीं पहुंच पा रही है। इसे देखते हुए अब वितरण दल को प्राथमिकता के आधार पर महादलित बस्तियों में जाकर जमाबंदी की प्रति और आवेदन फॉर्म उपलब्ध कराने होंगे। इससे महादलित समुदाय के लोग शिविरों में उपस्थित होकर अपनी समस्याओं का समाधान कर सकेंगे।
गौरतलब है कि 16 अगस्त से शुरू हुआ यह राजस्व महा-अभियान 20 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान कई महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। जिनमें ऑनलाइन जमाबंदी पंजी की प्रति और विभिन्न फॉर्म का घर-घर वितरण, शिविरों में जमाबंदी में त्रुटि सुधार, छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन करना, बंटवारा, नामांतरण, और उत्तराधिकार नामांतरण के लिए आवेदन स्वीकार करना शामिल हैं।
अतिरिक्त शिविरों की अनुमति मिलने से अधिक से अधिक ग्रामीणों को सुविधा मिलने की संभावना है। विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां पहले सीमित शिविरों के कारण सभी आवेदकों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा था।
इस अभियान ने ग्रामीण क्षेत्रों में एक नई उम्मीद जगाई है। अतिरिक्त शिविरों की अनुमति और महादलित समुदाय पर विशेष ध्यान देने से यह अभियान और अधिक समावेशी बन रहा है। प्रशासन ने सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इस अभियान को पूरी गंभीरता और पारदर्शिता के साथ संचालित करें, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके।
