राजगीर (नालंदा दर्पण रिपोर्टर)। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर विश्व शांति स्तूप, गर्म कुंड, जू सफारी, ग्लास ब्रिज, सोन भंडार आदि अनेक ऐतिहासिक विरासतों से अपनी अलग पहचान रखती हैं। लेकिन यहां के बस स्टैंड की तस्वीरें उप पर एक बदनुमा दाग नजर आ रही हैं।
एक ओर सरकार और प्रशासन पर्यटन को बढ़ावा देने के बड़े-बड़े दावे करती हैं, वहीं दूसरी ओर यह बस स्टैंड गंदगी, कीचड़ और जलजमाव के कारण नारकीय स्थिति में हैं। बस स्टैंड का पूरा परिसर गहरे कीचड़ और बड़े-बड़े गड्डों में तब्दील हो गए हैं। पर्यटक स्थलों को देखने जाने वाले देशी-विदेशी सैलानियों को इसी कीचड़ और घोड़े के लीद से सने रास्ते से होकर गुजरना पड़ता हैं। यह दृश्य न सिर्फ पर्यटकों को असहज करता हैं, बल्कि देश और राज्य की छवि को भी धूमिल करता हैं।
स्थानीय लोगों का कहना हैं कि यह नजारा कोई नया नहीं हैं, बल्कि नियमित सफाई व्यवस्था न होने के कारण यहां सालभर ऐसी ही स्थिति बनी रहती हैं। बस स्टैंड की यह हालत स्थानीय नगर परिषद को कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। जब पर्यटक स्थल के मुख्य प्रवेश द्वार (बस स्टैंड पर ही गंदगी का आलम हैं तो अन्य सार्वजनिक स्थानों की सफाई व्यवस्था का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता हैं।
बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी स्थिति जस की तस बनी हुई हैं, जिससे स्थानीय लोगों और यात्रियों में भारी आक्रोश हैं। बारिश के मौसम में यह कीचड़ और जलजमाव और भी विकराल रूप ले लेता हैं, जिससे यात्रियों को बसों तक पहुंचने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं।
राजगीर जैसे विश्व प्रसिद्ध स्थल पर जहां हर साल लाखों पर्यटक आते हैं और यहां इस तरह की बुनियादी सुविधाओं की कमी और प्रशासनिक उपेक्षा बेहद शर्मनाक हैं। गंदगी और बदबू के कारण पर्यटक बस स्टैंड पर ज्यादा देर ठहरने से कतरा रहे हैं। जरूरत हैं कि नगर परिषद और संबंधित विभाग इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए तत्काल परिसर का जीर्णोद्धार कराएं, जल निकासी की समुचित व्यवस्थ करें और सफाई को प्राथमिकता दें, ताकि पर्यटन नगरी राजगीर की प्रतिष्ठा बन रहे।
