परिचारी पद अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, नियुक्ति में देरी से आक्रोश

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले में शिक्षा विभाग के परिचारी पद के लिए चयनित 60 अभ्यर्थी नियुक्ति की राह देखते-देखते थक चुके हैं। बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) की परीक्षा पास करने और पटना उच्च न्यायालय से नियुक्ति के स्पष्ट निर्देश मिलने के बावजूद जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा इन अभ्यर्थियों को अब तक नियुक्ति पत्र नहीं सौंपा गया है। इससे नाराज अभ्यर्थियों ने शनिवार को जिला शिक्षा कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन कर अपना आक्रोश जताया।

प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्होंने न केवल BSSC की परीक्षा पास की, बल्कि पटना उच्च न्यायालय से भी नियुक्ति के लिए स्पष्ट निर्देश प्राप्त किया। इसके बावजूद, जिला शिक्षा कार्यालय के अधिकारी तरह-तरह के बहाने बनाकर उनकी नियुक्ति को टाल रहे हैं।

अभ्यर्थियों ने बताया कि उच्च न्यायालय ने कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग बिहार सरकार को निर्देश दिया था कि नालंदा जिले में परिचारी के विशिष्ट पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए। इसके बाद यह निर्देश जिला पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी तक पहुंचा, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

अभ्यर्थियों का कहना है कि वे पिछले कई महीनों से कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। एक अभ्यर्थी ने बताया कि हमने मेहनत से परीक्षा पास की। कोर्ट से आदेश भी मिला। फिर भी हमें नियुक्ति नहीं मिल रही। हर बार हमें नए-नए बहाने सुनने पड़ते हैं। हमारी आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है और परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो रहा है।

नियुक्ति में हो रही देरी से तंग आकर अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू नहीं की गई, तो वे धरना-प्रदर्शन को और तेज करेंगे। कुछ अभ्यर्थियों ने तो आमरण अनशन और आत्मदाह जैसे कठोर कदम उठाने की बात भी कही।

प्रदर्शन के दौरान एक अन्य अभ्यर्थी ने कहा कि हमारी मांग जायज है। अगर प्रशासन हमारी बात नहीं सुनता तो हमें मजबूरन कठोर कदम उठाने पड़ेंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।

जिला शिक्षा कार्यालय के अधिकारियों ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। एक अन्य अभ्यर्थी ने कहा कि हमारी मांग सिर्फ नियुक्ति है, जो हमारा हक है। प्रशासन की उदासीनता हमें और निराश कर रही है।

सूत्रों के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया में कुछ प्रशासनिक अड़चनें हैं, जिन्हें हल करने के लिए उच्च स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है। हालांकि अभ्यर्थियों का कहना है कि यह महज समय बर्बाद करने का बहाना है।

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