बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले में नियुक्त फर्जी नियोजित शिक्षकों की धर पकड़ के लिए विगत 2019 से ही निगरानी जांच चल रही है। यह जांच रणजीत पंडित व अन्य बनाम बिहार सरकार के आलोक में जिले में 2015 से 2023 तक स्कूलों में विभिन्न स्तर के नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में पटना हाइकोर्ट के आदेश पर की जा रही है।
निगरानी के अधिकारियों के द्वारा 2019 से अब तक जिले के कल 79 फर्जी नियोजित शिक्षकों पर जांच में दोषी पाए जाने के बाद प्राथमिक की भी दर्ज करायी गयी है। नियमानुसार इन सभी फर्जी नियोजित शिक्षकों को संबंधित नियोजन इकाइयों द्वारा बहुत पहले ही सेवा मुक्त कर दिया जाना चाहिए था।
इस मामले में नियोजन इकाइयों के आनाकानी करने के कारण 79 फर्जी नियोजित शिक्षकों में से मात्र 58 शिक्षकों को ही सेवा मुक्त किया जा सका है। जबकि जिले के 21 फर्जी नियोजित शिक्षक प्राथमिकी अभियुक्त होने के बावजूद सेवा में बने हुए हैं।
अब इसे बिहार सरकार शिक्षा विभाग के द्वारा गंभीरता से लिया गया है। शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक के द्वारा नालंदा जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेज कर सभी 21 शिक्षकों की सेवा तत्काल समाप्त करने का निर्देश दिया गया है।
हालांकि इसके पहले भी विभाग के द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस प्रकार के आदेश दिए गए हैं, लेकिन अभी भी 21 शिक्षक सेवा मुक्त की कार्रवाई से बचे हुए हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग के द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी को एक बार फिर संबंधित नियोजन इकाइयों के साथ समन्वय स्थापित कर सभी 21 फर्जी नियोजित शिक्षकों को 15 दिनों के भीतर सेवा मुक्त करने का निर्देश दिया गया है।
इसके पूर्व भी जिला शिक्षा कार्यालय के द्वारा दर्जनों फर्जी शिक्षकों को चिन्हित कर उन्हें सेवा मुक्त किया गया है। जिले के 50 शिक्षक तो हाई कोर्ट के निर्देश पर पहले ही स्वेच्छा से त्यागपत्र दे दिया था।
सक्षमता परीक्षा में शामिल 69 शिक्षक भी रडार पर: बिहार बोर्ड के द्वारा शिक्षकों के लिए जा रहे सक्षमता परीक्षा में भी बड़ी संख्या में फर्जी नियोजित शिक्षकों की पहचान की गई है।
बिहार बोर्ड के द्वारा नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र के विश्लेषण में यह सामने आया कि एक ही टीईटी-एसटीईटी प्रमाण पत्र पर दो, तीन तथा चार, पांच शिक्षक तक अलग-अलग जिलो में नियोजित हुए हैं।
बिहार बोर्ड के द्वारा ऐसे शिक्षकों की जारी सूची में प्रथम सूची के आधार पर 26 शिक्षकों को चिन्हित किया गया है। जबकि दूसरी सूची के द्वारा 43 शिक्षकों को फर्जी शिक्षक के रूप में चिन्हित किया गया है।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना के द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश देते हुए इन सभी नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच करने का सख्त निर्देश दिया गया है।
बिहार बोर्ड के द्वारा जारी सूची में एक ही नाम के शिक्षक, माता-पिता का नाम तथा टीईटी-एसटीईटी प्रमाण पत्र का नंबर आदि तक एक ही है। ऐसे एक नाम के शिक्षक नालंदा के साथ-साथ नवादा, शेखपुरा, पटना तथा अन्य जिलों में भी नियोजित है। जांच पूरी होने पर जिले के फर्जी नियोजित शिक्षकों की संख्या और बढ़ सकती है।
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