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बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूर्व मध्य रेल ने उठाया बड़ा कदम

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East Central Railway took a big step to promote tourism in Bihar
East Central Railway took a big step to promote tourism in Bihar

नालंदा दर्पण डेस्क। हर साल 27 सितंबर को मनाया जाने वाला विश्व पर्यटन दिवस दुनिया भर में पर्यटन के महत्व को बढ़ावा देने का दिन है। इसका उद्देश्य पर्यटन के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहलुओं के प्रति जागरूकता फैलाना है।

पर्यटन वह माध्यम है, जिसके जरिए हम विभिन्न संस्कृतियों, परंपराओं और जीवनशैलियों को नजदीक से समझ सकते हैं। इसमें रेलवे की भूमिका अहम है, क्योंकि यह देश के दूरदराज के क्षेत्रों और महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को जोड़ने का काम करती है।

पूर्व मध्य रेल इस दिशा में एक महत्वपूर्ण सेवा प्रदाता है, जो न केवल बिहार, बल्कि पूरे भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ता है। इस रेल नेटवर्क के तहत आने वाले ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों में वैशाली, बोधगया, राजगीर, पाटलिपुत्र, पटना, नालंदा, सीतामढ़ी और पारसनाथ जैसे स्थल शामिल हैं। ये सभी स्थल अपने सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं।

अमृत भारत स्टेशन योजना: पर्यटन के विकास और पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत पूर्व मध्य रेल के 92 रेलवे स्टेशनों पर विश्वस्तरीय यात्रा सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है।

इस योजना के तहत स्टेशनों के बुनियादी ढांचे का उन्नयन किया जा रहा है, जिसमें आधुनिक प्रतीक्षालय, दिव्यांगजन अनुकूल सुविधाएं, चौड़े फुट ओवर ब्रिज, लिफ्ट, एस्केलेटर और हरित ऊर्जा का उपयोग शामिल है।

रेलवे स्टेशनों को पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा रहा है और यात्री सुविधाओं को उच्च स्तर पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। बेहतर यात्री सूचना प्रणाली, एग्जीक्यूटिव लाउन्ज, और अंतर्राष्ट्रीय मानक के साइनेज भी इस योजना का हिस्सा हैं, जिससे पर्यटकों को आरामदायक यात्रा का अनुभव हो सके।

बिहारशरीफ से एक घंटे की दूरी पर प्राकृतिक सौंदर्यः राजगीर, जो बिहारशरीफ स्टेशन से केवल एक घंटे की दूरी पर स्थित है, भारत के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक है। अपनी हरी-भरी पहाड़ियों और गर्म पानी के झरनों के लिए प्रसिद्ध यह स्थान पर्यटकों को अद्भुत अनुभव प्रदान करता है।

यहां के प्राकृतिक और ऐतिहासिक धरोहर पर्यटकों के लिए किसी खजाने से कम नहीं हैं। राजगीर तक ट्रेन से आसानी से पहुंचा जा सकता है, और इसे पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाने के लिए कई योजनाएं चल रही हैं।

जैन धर्म का पवित्र स्थलः पावापुरी बिहार का एक प्रमुख जैन तीर्थ स्थल है, जहां भगवान महावीर ने अंतिम सांस ली थी। यहां स्थित जलमंदिर को जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक अत्यंत पूजनीय स्थान माना जाता है।

यह शांत और अद्वितीय स्थल जैन धर्म की गहरी आस्था को दर्शाता है और हर साल यहां हजारों श्रद्धालु आते हैं। पावापुरी का रेल संपर्क इसे और भी अधिक सुलभ बनाता है।

प्राचीन शिक्षा का केंद्रः नालंदा, जो दुनिया के सबसे प्राचीन विश्वविद्यालयों में से एक है, का ऐतिहासिक और शैक्षिक महत्व असीमित है। प्रसिद्ध चीनी विद्वान ह्वेनसांग ने नालंदा की शैक्षिक व्यवस्था और यहां के मठवासी जीवन की अत्यधिक प्रशंसा की थी। यह स्थल न केवल इतिहास के अध्येताओं के लिए बल्कि दुनिया भर के पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है।

पटना, बोधगया और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों से नालंदा तक रेल द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है, जो इसे और भी अधिक पर्यटन के लिए सुविधाजनक बनाता है।

पूर्व मध्य रेलवे की उत्कृष्ट सेवाः पूर्व मध्य रेल पर्यटकों के अनुभव को यादगार बनाने के लिए उच्च स्तरीय सुविधाएं प्रदान करता है। यह रेल नेटवर्क न केवल ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों तक पहुंच बनाता है, बल्कि अपने उन्नत प्रतीक्षालय, स्वच्छता, उच्च स्तरीय खानपान और समर्पित कर्मचारी सेवाओं के माध्यम से यात्रियों को बेहतरीन अनुभव देता है।

ट्रेनों में उच्च गुणवत्ता वाले भोजन की व्यवस्था और साफ-सुथरे प्लेटफार्मों से लेकर समय पर ट्रेन संचालन तक, रेलवे पर्यटकों के लिए यात्रा को न केवल सुविधाजनक बल्कि आनंददायक भी बनाता है।

निष्कर्षः विश्व पर्यटन दिवस पर पूर्व मध्य रेल का यह प्रयास बिहार और आसपास के पर्यटन स्थलों को विश्वस्तरीय सुविधा और सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक अहम कदम है। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।

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