हिलसा (नालंदा दर्पण)। एकंगरसराय थाना क्षेत्र के जगाई गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया। दो सगे भाइयों के बीच मामूली बात को लेकर हुए विवाद ने इतना भयावह रूप ले लिया कि छोटे भाई 22 वर्षीय दीनानाथ कुमार ने आवेश में आकर अपनी जान ले ली। इस दुखद घटना ने न केवल परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया, बल्कि समाज में आपसी रिश्तों की संवेदनशीलता पर भी सवाल उठाए हैं।
जानकारी के अनुसार जगाई गांव निवासी दीनानाथ कुमार और उनके बड़े भाई बिनोद चौधरी के बीच मंगलवार को संपत्ति को लेकर विवाद हो गया। यह विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों भाइयों के बीच मारपीट की नौबत आ गई।
बताया जाता है कि बिनोद चौधरी ने अपने छोटे भाई दीनानाथ के साथ हाथापाई की, जिसके बाद दीनानाथ गहरे मानसिक तनाव में चले गए और देर रात जब घर में कोई और मौजूद नहीं था, वह आवेश में आकर अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
अहले सुबह जब परिजनों को इस दुखद घटना का पता चला तो उन्होंने तुरंत एकंगरसराय पुलिस को सूचित किया। घटना की जानकारी मिलते ही एकंगरसराय थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार झा अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की। उन्होंने घटना की गंभीरता को देखते हुए इस्लामपुर डीएसपी कुमार ऋषिराज को सूचित किया। डीएसपी ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और आवश्यक निर्देश दिए।
मृतक दीनानाथ के पिता उपेंद्र चौधरी ने बताया कि उनका परिवार नई बाजार कुड़वापर में रहकर अपना व्यवसाय संचालित करता है। दीनानाथ की पत्नी और बेटा उनके साथ थे, जबकि दीनानाथ उस रात घर में अकेले थे। उपेंद्र चौधरी ने गमगीन स्वर में कहा कि हमें नहीं पता था कि मामूली बात इतना बड़ा रूप ले लेगी। हमने अपने बेटे को खो दिया।। इस घटना ने पूरे परिवार को गहरे दुख में डुबो दिया है।
पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए बिहार शरीफ भेज दिया है। थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार झा ने बताया कि मामले की गहन जांच के लिए जिला मुख्यालय से फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच के नतीजे आने के बाद ही मृत्यु के सटीक कारणों का पता चल पाएगा। फिलहाल, हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं।
बहरहाल, यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है। छोटी-छोटी बातों पर होने वाले विवाद और मानसिक दबाव कई बार ऐसी अनहोनी को जन्म दे सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि परिवार के सदस्यों को आपसी मतभेदों को सुलझाने के लिए संवाद और समझदारी का रास्ता अपनाना चाहिए। साथ ही, मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने की भी आवश्यकता है।
