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बिजली पोल गाड़ने में फर्जीवाड़ा उजागर: विधायक की जमीन बचाने के लिए हुई धांधली

Fraud in erecting electricity poles exposed: Rigging done to save MLA's land
Fraud in erecting electricity poles exposed: Rigging done to save MLA's land

राजगीर (नालंदा दर्पण)। सिलाव प्रखंड के फतेहपुर मौजा में 132 केवी बिजली पोल गाड़ने के मामले में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।

एक अधिवक्ता ने सूचना अधिकार अधिनियम के तहत लोक सूचना सह कार्यपालक दंडाधिकारी, राजगीर से मांगी गई जानकारी में खुलासा किया कि अधीक्षण अभियंता संचरण, राजीव कुमार अम्बष्ट ने गलत तरीके से रैयती जमीन पर पोल गाड़ने का आदेश दिया था।

मामला उस वक्त उठा जब मौजा फतेहपुर में 13 जुलाई 2024 को 132 केवी संचरण लाइन के लिए पोल गाड़ने का काम होना था। अभियंता राजीव कुमार अम्बष्ट ने जिलाधिकारी नालंदा को 4 जुलाई 2024 को पत्र लिखकर यह दावा किया कि जमीन मालिक मनोरंजन सिंह 25 साल पहले स्वीकृत लाइन में बाधा डाल रहे हैं। जबकि हकीकत में पोल पहले से गाड़ा हुआ था और केवल तार तानने का काम बाकी था।

मामले ने तब तूल पकड़ा, जब यह बात सामने आई कि प्लॉट 983, जो सत्ताधारी विधायक की निजी जमीन है, उसे बचाने के लिए यह काम रोका गया। इसके बाद विधायक के दबाव में जिलाधिकारी द्वारा स्थलीय जांच किए बिना ही जमीन मालिक की जगह पर पोल गाड़ने की अनुमति दे दी गई।

अधिवक्ता कुमार राजेश ने खुलासा किया कि यह पूरा मामला फर्जीवाड़े पर आधारित था और अधीक्षण अभियंता ने गलत तरीके से विधायक की जमीन बचाने के लिए दूसरी जमीन पर पोल गाड़ा। अधिवक्ता ने इस मामले में मुख्यमंत्री, उर्जामंत्री, अध्यक्ष बिजली विभाग और जिला न्यायाधीश को आवेदन देकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और पोल हटाने की मांग की है।

इस मामले में सरकारी प्रक्रिया के दुरुपयोग और राजनैतिक दबाव से कार्य होने के आरोप लगे हैं, जिसे लेकर स्थानीय लोगों में भी काफी नाराजगी है। अब देखना यह है कि इस फर्जीवाड़े पर क्या कार्रवाई होती है।

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