चंडी (नालंदा दर्पण)। ‘आंचल कब्रिस्तान हुआ है, रोना रो लो नेताजी, जार-जार इंसान हुआ है,रोना रो लो नेताजी।
दफन हुए हैं सपने सारे, अस्पताल के बिस्तर पर, अस्पताल श्मशान हुआ है, रोना रो लो नेताजी।’
यह कहानी है चंडी रेफरल अस्पताल की। यहां मरीजों के परिजन के प्रतीक्षालय के लिए निर्मित भव्य इमारत वैक्सिनेशन सेंटर बना हुआ है। मरीजों के परिजन के लिए बना प्रतीक्षालय कक्ष कोविड सेंटर की भेंट गया है।
चंडी रेफरल अस्पताल में मरीजों के परिजन के लिए बनी इमारत में जब आप प्रवेश करेंगे तो आपको लगेगा कि आप किसी फाइव स्टार भवन में पहुंचे हैं। जिले के शायद ही किसी अस्पताल में ऐसी फाइव स्टार भवन बना होगा, वो भी मरीजों के परिजन के लिए।
मरीजों के परिजन के लिए अलग से प्रतीक्षालय बनाने की पहल चंडी के जाने-माने आरटीआई एक्टिविस्ट उपेन्द्र प्रसाद सिंह को जाता है। उनके ही पहल पर रेफरल अस्पताल के प्रांगण में मरीजों के परिजनों के लिए प्रतीक्षालय का निर्माण किया गया था।इस प्रतीक्षालय में सोने के लिए बेड, कंबल और कुर्सी की समुचित व्यवस्था की गई थी।
यहां तक कि असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने पिछले साल ही उपेन्द्र प्रसाद सिंह के लोक शिकायत निवारण को यह कहकर बंद करने की मांग जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी से की थी कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी रेफरल अस्पताल के पत्रांक 22 दिनांक 05.02.2021 के द्वारा प्रतिवेदित किया गया कि रेफरल अस्पताल के प्रांगण में प्रतीक्षालय में समुचित व्यवस्था है।
लेकिन फिर से मरीजों के परिजनों के लिए प्रतीक्षालय को वैक्सिनेशन सेंटर बना दिया गया है।
उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने ‘नालंदा दर्पण’ को बताया कि इस भवन में गरीब मरीजों के परिजन को कोई घुसने नहीं देता है। परिजनों को इस जाड़े में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने जिला चिकित्सा पदाधिकारी से शिकायत कर प्रतीक्षालय शिफ्ट करने की मांग की है।