Home खोज-खबर गंभीर बीमारियों का खुला आमंत्रण है मीट-मछली की ऐसी दुकानें

गंभीर बीमारियों का खुला आमंत्रण है मीट-मछली की ऐसी दुकानें

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नालंदा दर्पण डेस्क। बिहारशरीफ नगर समेत नालंदा जिले के सभी क्षेत्रों में बिना लाइसेंस के संचालित चिकन, मटन और की दुकानें इस भीषण गर्मी में गंभीर बीमारियों का खुला निमंत्रण दे रही है। वहीं इस मामले को लेकर प्रशासन पुरी तरह से लापरवाही बरत रही है।

यहां हर चौक-चौराहों पर खुले में मांस-मछली की बिक्री हो रही है, जिसमें अधिकांश बिना लाइसेंस के संचालित हो रहे हैं। पशु चिकित्सक से जांच के बाद रोगमुक्त पशु के ही मटन चिकन बेचने का प्रावधान है, जिसकी शुरुआत अब तक नहीं हुई है।

प्रशासन की शिथिलता के कारण मटन चिकन दुकान के आगे काला शीशा लगाने तक की पहल नहीं हुई है। नियमों को ताक पर रखकर चिकन और मटन बेचने वालों की मनमानी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। मुख्य सड़क से लेकर संक्रीर्ण गलियों में खुलेआम मांस-मछली की बिक्री की जाती है, जिससे संक्रमण फैलने की खतर बनी रहती है।

फिलहाल पड़ोसी प्रदेश झारखंड में बर्ड फ्लू का संक्रमण तेजी से फैला हुआ है। ऐसे में थोड़ी से लापरवाही खतरनाक सिद्ध हो सकती है। फिलहाल जिले में कहीं से कोई पॉल्ट्री फॉर्म एवं बतखों में बर्ड फ्लू व अन्य संक्रमण होने की सूचना नहीं मिल रही है।

मीट-चिकन शॉप में केवल अधिकृत स्टाटर हाउस से लाये गये चेक मीट की ही बिक्री होनी चाहिए, मीट चिकन शॉप के अंदर किसी पशु-पक्षी को मारना पूरी तरह से प्रतिबंधित होता है।

मीट-चिकन शॉप में साफ पानी होना चाहिए एवं मांस को सुरक्षित रखने के लिए फ्रीज आदि होना चाहिए, लेकिन अधिकांश मांस-मछली बेचने वाले के पास फ्रीज नहीं होता है, खुले डब्बा में बर्फ रखते हैं और एक ही पानी से पूरे दिन मांस-मछली को साफ करते हैं।

मीट चिकेन शॉप किसी धार्मिक स्थल की बाउंड्री से 50 मीटर दूर, मंदिर के प्रवेश द्वार से 100 मीटर की दूरी पर ही होनी चाहिए। मीट शॉप का लाइसेंस मीट कारोबार से जुड़े सभी तकनीकी तथा प्रशासनिक निर्देशों पर दिया जाता है।

मीट- चिकेन शॉप के अंदर पशु-पक्षी के अवशेष जैसे हड्डी, खाल, सिर, आंत नहीं रखा होना चाहिए। मीट शॉप पर किसी जीवित पशु को रखने पर भी प्रतिबंध है। नियम के अनुसार दुकान में मांस काटना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। स्टाटर हाउस में चिकित्सीय जांच के बाद पशु-पक्षियों का मांस काटा जाता है, वहां से दुकानों में मांस विक्री के लिए जाता है, लेकिन शहर के अधिकतर दुकानों में मांस काटा जाता है।

वहीं इस मामले में बिहारशरीफ सदर एसडीओ अभिषेक पलसिया का कहना है कि चिकेन और मीट की दुकान संचालन से संबंधित अभी सरकार की ओर से स्पष्ट कोई गाइडलाइन नहीं आया है। पड़ोसी प्रदेश झारखंड में फैले बर्ड फ्लू को लेकर सतर्कता के रूप में जल्द पहल की जाएगी।

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