इसलामपुर (नालंदा दर्पण)। इसलामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्साकर्मी टीबी बीमारी से पीड़ित बच्ची के घर पहुंचे और पीड़ित बच्ची से भेंट कर जायजा लिया।
परिजनों ने बताया कि चिकित्साकर्मी ने टीबी बीमारी से पीड़ित वच्ची को दवा दिया है और अस्पताल में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए बुलाया है तथा बीमारी से संबंधित सरकारी स्तर से मिलने वाली सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाने का अश्वासन दिया है।
लेकिन जब सरकारी अस्पताल में इलाज़ करवाने के लिए ले गये तो यहां के चिकित्सकों ने कहा कि इस बीमारी का दवा नहीं है। इसे भर्ती नहीं ले सकते है।
एक तरफ सरकार के द्वारा इस बीमारी को समाप्त करने के अभियान चलाया गया है कि इस प्रकार की बीमारियों से पीड़ितों को इलाज कर मुफ्त में दवा दिया जायेगा। ताकि इस बीमारी से पीड़ितों को लाभ मिल सके।
वहीं दूसरी ओर सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों ने इस बीमारी की दवा नहीं होने का कारण बताकर पीडित बच्ची को इधर उधर भटकाने से बाज नहीं आ रहे थे।
परिजनों ने बताया कि सरकारी अस्पताल की तानाशाही रवैया से लाचार होकर निजी चिकित्सा केंद्र में इलाज़ करवाया गया । जहां से चिकित्सकों के अनुसार लिखा गया दवा को पीडित बच्ची सेवन कर रही थी।
परिजनों ने विभाग के वरीय पदाधिकारियों से सरकारी अस्पताल में इस बीमारी की दवा उपलब्ध करवाने की मांग की थी। ताकि पीडितों को राहत मिल सके।
टीवी मुक्त वाहनी के जिला प्रभारी जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस सबंध में सरकारी अस्पताल में जानकारी लेने पर बताया गया कि टीवी का दवा नहीं है, वहीं इस सबंध में सरकारी अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी से सम्पर्क सम्पर्क नही हो सका था।
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