हरनौत में भ्रष्टाचार का वीडियो वायरल, मिट्टी पर यूं टारकोल डाल बना दी सड़क

हरनौत (नालंदा दर्पण संवाददाता)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह प्रखंड हरनौत एक बार फिर सुर्खियों में है। लेकिन इस बार वजह कोई विकास की मिसाल नहीं, बल्कि शर्मनाक भ्रष्टाचार का नंगा नाच है। सिरसी-धुरगांव मुख्य पथ पर बन रही सड़क का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें साफ-साफ दिख रहा है कि ठेकेदार ने बिना किसी आधार तैयार किए ढीली मिट्टी के ऊपर महज आधा इंच मोटी टारकोल की पतली चादर बिछा दी है। पहली बारिश में यह ‘सड़क’ गायब हो जाएगी, यह बात कोई रॉकेट साइंस नहीं है।

वीडियो में ग्रामीण खुद जूते से टारकोल को उखाड़कर दिखा रहे हैं। एक जगह तो हाथ से ही टारकोल की परत निकल जा रही है, मानो कोई कागज चिपकाया गया हो। ग्रामीणों का कहना है कि योजना के तहत सड़क की मोटाई कम से कम 7-8 इंच होनी चाहिए थी, लेकिन ठेकेदार ने मिट्टी समतलीकरण, जीएसबी, वीबीएम तक कुछ नहीं किया और सीधे डामर डाल दिया। ये सड़क नहीं, ठेकेदार का मजाक है। लाखों रुपए का बंदरबांट हुआ है।

Video of corruption in Harnaut goes viral, road built by pouring tar on soil

वायरल मामला इतना गंभीर हो गया कि नालंदा डीएम कुंदन कुमार को खुद हस्तक्षेप करना पड़ा। डीएम ने तत्काल संज्ञान लेते हुए तीन सदस्यीय जांच दल गठित कर दिया। इस जांच दल में जिला पंचायती राज पदाधिकारी मनोहर कुमार साहु,  पथ निर्माण विभाग के सहायक अभियंता मनोज कुमार और ग्रामीण कार्य विभाग के सहायाक अभियंता शिवनाथ राम शामिल हैं।

जांच दल को महज 24 घंटे में रिपोर्ट सौंपने का कड़ा निर्देश दिया गया है। डीएम ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि भ्रष्टाचार के इस खेल में जो भी दोषी होगा, चाहे वह ठेकेदार हो या विभागीय अधिकारी या कर्मचारी, उसे बख्शा नहीं जाएगा। सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई पहला मामला नहीं है। हरनौत क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से सड़क निर्माण में इसी तरह की लूट चल रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह क्षेत्र होने के बावजूद यहां की सड़कें हर साल उखड़ जाती हैं। पैसा आता है, कमीशन बंटता है और सड़क कागज पर ही रह जाती है।

अब सवाल यह है कि क्या 24 घंटे की जांच के बाद सचमुच दोषियों पर गाज गिरेगी या फिर यह भी एक औपचारिकता बनकर रह जाएगी?  फिलहाल सिरसी गांव की यह आधी-अधूरी सड़क बिहार के विकास मॉडल पर एक करारा तमाचा है। देखते हैं कि मुख्यमंत्री का गृह प्रखंड इस बार शर्मिंदगी से कब बाहर निकलता है!

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