Home नालंदा जल शक्ति अभियान के क्रियान्वन को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

जल शक्ति अभियान के क्रियान्वन को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

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“यह अभियान पूरे देश में दो चरणों में अपनाया जा रहा है। पहला चरण 1 जुलाई से 15 सितंबर तक सभी राज्यों में तथा दूसरा चरण 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक लौटती मॉनसून वाले राज्यों में अपनाया जाएगा………”

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क (दीपक विश्वकर्मा)। भारत सरकार द्वारा चिन्हित पानी की कमी वाले जिलों एवं प्रखंडों में सघन जल संरक्षण उपायों को अपनाने के लिए 1 जुलाई से जल शक्ति अभियान प्रारंभ किया गया है।

इस अभियान में नालंदा सहित बिहार के 12 जिलों को शामिल किया गया है। बेगूसराय, भोजपुर, गया, गोपालगंज, जहानाबाद, कटिहार, मुजफ्फरपुर,  नवादा, पटना, सारण एवं वैशाली अन्य जिले हैं।

NALANDA DARPAN 1इस अभियान के तहत पानी की अत्यधिक कमी वाले जिला के पांच प्रखंडों- अस्थावां, बिंद, गिरियक, कराय परशुराय एवं राजगीर को चिन्हित किया गया है।

इस अभियान के क्रियान्वयन को लेकर 27 जून को भारत सरकार के कैबिनेट सचिव द्वारा देश के सभी राज्यों एवं जिलों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की गई थी तथा क्रियान्वयन को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया था।

इस अभियान के क्रियान्वन के लिये राज्य के मुख्य सचिव एवं विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव सचिव ने राज्य के सभी चिन्हित 12 जिलों के जिला पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 1 जुलाई को बैठक की  थी एवं  अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिया  था ।

जिला पदाधिकारी योगेंद्र सिंह ने भी 1जुलाई को विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों के साथ इस अभियान के जिला में प्रभावी क्रियान्वयन एवं कार्ययोजना को लेकर बैठक की थी।

आज हरदेव भवन सभागार में इस अभियान से जुड़े विभिन्न विभागों, मिशन हरियाली नूरसराय, मशरूम उत्पादक संघ, समाजसेवी आशुतोष कुमार मानव सहित अन्य संगठनों के साथ एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला में बताया गया कि इस अभियान के तहत सघन जल संरक्षण के उपायों को अपनाया जाना है। इसके लिए जल के उपयोग एवं संरक्षण से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी विभागों को आपस में समन्वय स्थापित करना होगा।

सभी विभागों द्वारा जल संरक्षण के लिए अपने विभागीय योजनाओं , कार्यकलाप एवं उपलब्ध संसाधन के अनुरूप व्यवहारिक कार्य योजना तैयार किया गया है, जिसके आधार पर जिला के लिए समेकित जल संरक्षण कार्य योजना तैयार की गई है।

इस अभियान के तहत मुख्य रूप से जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचय, पारंपरिक एवं अन्य जल निकाय/ तालाब का जीर्णोद्धार, भूजल के रिचार्ज के लिए संरचना का निर्माण एवं रखरखाव, वाटर शेड का विकास एवं सघन वृक्षारोपण पर विशेष बल दिया जा रहा है।

इस अभियान में विभिन्न विभागों के साथ-साथ जीविका, नेहरू युवा केंद्र, एनएसएस, एनसीसी, स्काउट एंड गाइड, स्वयं सहायता समूह, एनजीओ एवं मिशन हरियाली जैसे अन्य सामाजिक पर्यावरण से जुड़े संगठनों को शामिल किया गया है।

इस अभियान के तहत जिला के विभिन्न जल स्रोतों /तालाब/ नहर आदि का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इस दिशा में पूर्व से भी विभिन्न विभागों द्वारा कार्रवाई की गई है।

सभी विद्यालयों में संस्थापित चापाकल, हर घर नल का जल निश्चय के तहत लगाए गए ट्यूबवेल, सभी राजकीय नलकूप आदि के पास सोक पिट (सोख्ता) का निर्माण किया जाएगा ताकि भूजल का रिचार्ज हो सके साथ ही विद्यालय परिसरों में जमीन की उपलब्धता के अनुसार वृक्षारोपण भी किया जायगा।

सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए आवश्यक संरचना के निर्माण के लिए भवन प्रमंडल द्वारा कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह विभिन्न तालाबों, सड़कों, बांध आदि  के किनारे सघन वृक्षारोपण वन प्रमंडल एवं मनरेगा के माध्यम से कराया जाएगा।

वृक्षों के रखरखाव के लिए यथासंभव जीविका समूह को जिम्मेवारी दी जाएगी। जिला के सभी जीविका समूह द्वारा पाँच पाँच पौधे लगाये जायेंगे। बड़े कैंपस वाले संरचना में वन विभाग के माध्यम से वृक्षारोपण किया जाएगा।

इस अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए अधिक से अधिक समूह एवं व्यक्तियों को इससे जोड़कर इसे एक जन अभियान के रूप में क्रियान्वित किया जायेगा।

मिशन हरियाली नूरसराय के प्रतिनिधि महेंद्र कुमार विकल द्वारा मिशन हरियाली द्वारा पर्यावरण संरक्षण  एवं संवर्धन  को लेकर अब तक किए गए कार्यों के बारे में बताया गया।

उन्होंने इस अभियान में मिशन हरियाली के सक्रिय सहयोग का भरोसा दिलाया। जल संरक्षण के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। इसमें मिशन हरियाली द्वारा सक्रिय रूप से कार्य किया जायेगा।

जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि विद्यालयों में सोकपिट निर्माण एवं वृक्षारोपण के साथ साथ जल संरक्षण को लेकर छात्र एवं छात्राओं को जागरूक भी किया जायेगा।

केंद्र सरकार के स्तर से बजे जा रहे तीन सदस्यीय दल इस अभियान के क्रियान्वयन को लेकर पूर्व से किए जा रहे कार्य का निरीक्षण  एवं तैयारी की समीक्षा के लिए 8 जुलाई से 10 जुलाई तक जिला में रहेगा।

इस अवधि में केंद्रीय दल द्वारा विभिन्न सहयोगी विभागों एवं संस्थाओं के साथ बैठक की जाएगी तथा स्थल भ्रमण भी किया जाएगा।

आज की कार्यशाला में में उप विकास आयुक्त, वन प्रमंडल पदाधिकारी,जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, कार्यपालक/सहायक अभियंता भवन/पी एच ई डी/डी आर डी ए, जिला परियोजना प्रबंधक  जीविका, मिशन हरियाली नूरसराय के प्रतिनिधि महेंद्र कुमार विकल, समाजसेवी आशुतोष कुमार मानव, मशरूम उत्पादक संघ के प्रतिनिधि  सहित अन्य पदाधिकारी एवं  संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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