Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana: यहां बनेगा बिहार का पहला हाईटेक मछली मॉल

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा के मत्स्यपालकों के लिए एक ऐतिहासिक सौगात मिलने जा रही है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana – PMMSY) के अंतर्गत राज्य का पहला अत्याधुनिक हाईटेक मछली मॉल नालंदा जिले के सिलाव प्रखंड के मोहनपुर में बनने जा रहा है।
इस मछली मॉल के निर्माण से मत्स्य उद्योग में क्रांतिकारी बदलाव की उम्मीद की जा रही है, जो न केवल स्थानीय मत्स्यपालकों के लिए लाभकारी होगा, बल्कि क्षेत्रीय रोजगार व पर्यटन को भी नई दिशा देगा।
खबरों के मुताबिक लंबे समय से प्रतीक्षित इस परियोजना की नींव अब मजबूती से रख दी गई है। मोहनपुर मत्स्य बीज प्रक्षेत्र (हैचरी) के पास की 3 एकड़ 80 डिसमिल सरकारी भूमि को जिला प्रशासन ने औपचारिक रूप से मत्स्य विभाग को सौंप दिया है।
इसके साथ ही निर्माण कार्य की दिशा में तेज़ी आ गई है। मत्स्य निदेशालय ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन कर प्राक्कलन (DPR) निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
करीब 70 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह चार मंजिला (G+3) मछली मॉल पूरे प्रदेश के लिए एक मिसाल बनेगा। निर्माण कार्य को एक वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मॉल में 20 से अधिक दुकानें, प्रशिक्षण केंद्र, एक्वेरियम गैलरी, रेस्तरां, होटल, गेस्ट हाउस जैसी बहुआयामी सुविधाएं होंगी।
मॉल की संरचना और विशेषताएं: ग्राउंड फ्लोर में अत्याधुनिक एक्वेरियम गैलरी, स्टोर, कार्यालय और टिकट काउंटर होंगे। यहां पर्यटकों को रंग-बिरंगी मछलियों की झलक देखने को मिलेगी।
पहली मंजिल में अलंकारी मछली, उपकरण, जाल, दवाएं और रसायन की दुकानें होंगी। इसके अलावा रेडी-टू-ईट मछली रेस्टोरेंट, ऑडियो विजुअल सेंटर और मत्स्य सेवा केंद्र की स्थापना की जाएगी।
दूसरी मंजिल में एक बड़ा ऑडिटोरियम और मीटिंग हॉल बनाया जाएगा, जहां राज्यस्तरीय प्रशिक्षण, सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित होंगी।
तीसरी मंजिल में गेस्ट हाउस और ओपन जिम की सुविधा होगी। जिससे बाहर से आने वाले मत्स्यपालकों और पर्यटकों को विश्राम की उत्तम सुविधा मिलेगी।
पर्यटन को भी मिलेगा नया आयामः राजगीर और नालंदा के पास स्थित यह मॉल पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा। यहां बनने वाला विशेष मछली घर और होटल स्थानीय संस्कृति व व्यंजन को बढ़ावा देगा। सैलानी यहां ताजी मछलियों के बने पारंपरिक स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद उठा सकेंगे।
रोजगार और तकनीकी लाभः मछली मॉल से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। मॉल के संचालन, रखरखाव और दुकानों में युवाओं को काम मिलेगा। साथ ही, मत्स्यपालकों को आधुनिक तकनीकों, उपकरणों और फीड आदि की पूरी श्रृंखला एक ही छत के नीचे मिलेगी, जिससे उनकी उत्पादकता और आमदनी में बढ़ोतरी होगी।
इस संबंध में जिला मत्स्य पदाधिकारी शंभु प्रसाद का कहना है कि मोहनपुर में बनने वाला यह फिश मॉल बिहार में अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट होगा। जमीन हस्तांतरण हो चुका है और विशेषज्ञ समिति को डीपीआर तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जैसे ही डीपीआर तैयार होगी, निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।









