इस्लामपुर (नालंदा दर्पण)। बेन प्रखंड अवस्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोल्हूआ से एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। एक नियोजित शिक्षक ने प्रभारी प्रधानाध्यापक जितेंद्र कुमार सिंह एंव सहायक शिक्षक अशोक कुमार पर गंभीर आरोप लगाया है।
इस्लामपुर प्रखंड के हेरथू गांव निवासी प्रखंड शिक्षक रंजीत पासवान ने नालंदा जिला अधीकारी, नालंदा पुलिस अधीक्षक, नालंदा जिला परिषद अध्यक्ष, बेन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं बेन थानाध्यक्ष दिए आवेदन में लिखा है कि मैं वर्ष 2014 से उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोल्हुआ में प्रखंड शिक्षक के पद पर पदस्थापित हूं। बीते 15 जुलाई को समय 8:58 अप्राहन में विद्यालय पहुँचा तो हमारे विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक जितेन्द्र कुमार सिंह एवं सहायक शिक्षक अशोक कुमार दोनों मिलकर हमारे साथ भद्दी-भद्दी गाली गाली गलौज करने लगे तथा मारपीट पर उतारू हो गए। जब मैनें इसका विरोध किया तो धक्का मुक्की मारते हुए विद्यालय परिसर से बाहर निकाल दिया गया।
रंजीत पासवान ने आगे लिखा है कि मुझे जाति सूचक शब्द का प्रयोग कर गाली गलौज करते हुए विद्यालय से भगा दिया तथा दोनों मिलकर कहने लगे कि ‘जाता है रे दुसाध साला हरिजन, नहीं तो जान से मार देगें, तुमको देखते ही हमको खून खौलने लगता है, आज के बाद अगर तुम दिखाई देगा तो हम जान से मार देगे। तुमको पता नही है कि मैं ऐसा केस मुकदमा से डरने वाला नही हूँ’।
प्रखंड शिक्षक रंजीत पासवान ने आगे लिखा है कि इसके बाद मैंने बेन प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी एवं नालंदा जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नही किया गया। उसके बाद 16 जुलाई को भी विद्यालय में प्रवेश करने नहीं दिया गया और गाली गलौज कर भगा दिया। इसके पहले भी उनके उत्पीड़न से 3-4 वर्ष दूसरे विद्यालय में प्रतिनियुक्त रहा हूं।
यही नहीं, बीते 15 जुलाई को ग्रामीण विमलेश सिंह वल्द सकलदीप सिंह प्रभारी प्रधानाध्यापक जितेन्द्र कुमार सिंह के मोबाइल से गाली गलौज किया और बोला कि विद्यालय आयेगा तो जान मार देगे। इस घटना के बाद मैं काफी डरा एवं सहमा हूं। मैं मानसिक रूप से काफी दुखी हूं। अगर मेरे साथ कुछ अनहोनी होती है तो इसके सारी जवावदेही उन दोनों की होगी।
इधर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोल्हूआ के प्रभारी प्रधानाध्यापक जितेंद्र कुमार सिंह ने नालंदा दर्पण को बताया कि स्कूल में इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है। उक्त शिक्षक के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया गया गया। सारी बातें मनगढ़ंत है।
प्रभारी प्रधानाध्यापक ने आगे बताया कि 15 जुलाई को स्कूल आरंभ होने से पहले सभी शिक्षकों ने एक बैठक की थी। जिसमें स्कूल की बातें स्कूल तक ही सीमित रखने की चर्चा हुई थी। शिक्षक रंजीत कुमार स्कूल की बातें बाहर फैला देता है। वह महीना में 20 दिन छुट्टी चाहता है।
उन्होंने आगे बताया कि वह सेटिंग के साथ दूसरों की परीक्षा देने-दिलाने की बात कर स्कूल से फरार रहने की जुगत भिड़ाते रहता है। पिछले दिन दो बच्चों को मध्याह्न भोजन के तहत अंडा नहीं मिला तो उसका वीडियो बनाकर भेज दिया था। वह एक शिक्षक के इशारे पर आरोप लगा रहा है, जो प्रधानाध्यापक का प्रभार लेने फिराक में लगा है।
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