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बिहारशरीफ सदर अस्पताल में खून के सौदागरों का तांडव, प्रसव कराने आई महिला के परिजन से वसूले 6000 रूपए

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बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। इन दिनों बिहारशरीफ सदर अस्पताल में खून के सौदागरों का तांडव चल रहा है। अस्पताल में अधिकारी बदल गए, लेकिन हालात बिलकुल भी नहीं बदले। आए दिन सदर अस्पताल का कोई न कोई मामला सुर्खियां बटोरता रहा है। ताजा मामला बीते शुक्रवार का है, जब इमादपुर निवासी जितेंद्र कुमार अपनी पत्नी रागिनी कुमारी को प्रसव के लिए सदर अस्पताल लेकर आए थे।

चिकित्सक ने बताया कि मरीज के शरीर में रक्त की कमी है और उसे खून चढ़ाना होगा। जितेंद्र कुमार ने खून ब्लड बैंक से उपलब्ध करवाने की बात कही, लेकिन तभी एक महिला स्वास्थकर्मी ने उन्हें बताया कि खून चढ़ाने के लिए 6000 रुपये लगेंगे।

जितेंद्र कुमार ने महिला को 3000 रुपये दिए, लेकिन महिला ने कहा कि बाकी का 3000 रुपये और देने होंगे। जितेंद्र कुमार ने किसी तरह से 2000 रुपये का जुगाड़ कर कुल 5000 रुपये महिला को दे दिए, लेकिन इसके बावजूद मरीज को खून नहीं चढ़ाया गया।

जितेंद्र कुमार ने कहा कि वे उस महिला को नहीं जानते है, लेकिन वो अस्पताल की ही कर्मी है। वही अस्पताल सूत्र बताते है कि मन्नीचक की आशा सन्नु कुमारी, सोहसराय अड्डपर की आशा प्रीती कुमारी के द्वारा रक्त के नाम पर पर वसूली किया गया है। पीड़ित मरीज के परिजन के अनुसार उसके गाल पर जले का दाग है।

उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में वे इस उम्मीद से आए थे कि बिना खर्च के सही इलाज होगा, लेकिन यहां आकर लूट गए।

बहरहाल, अस्पताल प्रबंधन को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए खून के सौदागरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। स्वास्थ्य विभाग को ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए, जो अस्पताल में खून के सौदे करते हैं और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।

बताया जाता है कि बिहारशरीफ सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष में प्रसव कराने आई मरीजों के परिजनों से उगाही होती रहती है। सिविल सर्जन स्पष्टीकरण निकाल कर मामले को दबा देते हैं। पिछले 5 वर्षों से प्रसव वार्ड में कार्यरत कई नर्स हैं, जबकि किसी और वार्ड में उनकी ड्यूटी नहीं लगती है।  इन सारे मामलों में मेट्रन की मिलीभगत सामने आती रहती है।

वहीं अस्पताल सूत्र बताते हैं कि मेट्रन रेणु कुमार नर्स की लीडर बन कर खुद अपना डियुटी नहीं बनाती है, मगर प्रसव वार्ड में सुबह 8 बजे से 2 बजे तक जमी रहती है और प्रसव वार्ड में प्रसव कराने आई गर्भवती महिलाओं के परिजनों से हुई अवैध वसूली में सिर्फ अपना कमीशन लेती है।

सूत्र यह भी बताते हैं कि बिहारशरीफ सदर अस्पताल में मेट्रन का कोई पोस्ट नहीं होता है। मेट्रन का पोस्ट मेडिकल कॉलेज में होता है। मगर रेणु कुमारी कुछ अधिकारी की मिलीभगत से खुद को मेट्रन बन अवैध कमाई में लगी है और ड्यूटी राजिस्टर पर अपना कब्जा जामये बैठी है और नर्स से मनचाहा ड्यूटी के नाम पर वसुली कर मनचाहा और आराम ड्यूटी लगाती है।

बहीं कई बार प्रसव कक्ष में गर्भवती महिला के परिजनों से नजराना के नाम पर राशि वसूलने बाली रेणुका कुमारी पर कई बार सिविल सर्जन और उपाधीक्षक के द्वारा स्पष्टीकरण निकलने के बाद भी जीएनएम रेणुका कुमारी को प्रसव कक्ष से नहीं हटया गया, जबकि 5 सालों से प्रसव वार्ड में रेणुका कुमारी अपना बचस्व जमाये बैठी है।

वहीं अस्पताल की कुछ जीएनएम दबी जुबान में कहती है कि मेट्रन रेणु कुमारी सदर अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक कुमकुम कुमारी की काफी करीबी है और इसी कारण कोई भी पदाधिकारी और अधिकारी इनपर कार्रवाई करने से पीछे हट जाते हैं।

सूत्र आगे बताते हैं कि मेट्रन रेणु कुमारी के द्वारा अपने करीबी और रुपये देने वाली को ही प्रसव कक्ष मे ड्यूटी लगया जाता है। बाकी नर्स को वार्ड में इधर-उधर डियुटी लगया जाता है, जबकि सभी नर्स को प्रसव कक्ष में ड्यूटी करने और प्रसव करने व सीखने का अधिकार है। मगर मेट्रन रेणु कुमारी को जब तक राशि का चढ़वा नहीं दिया जाता है, तब तक उसका लेवर रुम में डियुटी नहीं लगता है।

अस्पताल के सुत्र आगे बताते है कि ड्यूटी राजिस्टर पर ड्यूटी बनाने का कार्य अस्पताल प्रबंधक का होता है, मगर खुद को मेट्रन कहकर सभी नर्स का ड्यूटी रेणु कुमारी के द्वारा बनाया जाता है।  जबकि मेट्रन का कोई लिखित आदेश विभाग के द्वारा उनको प्राप्त नहीं है। फिर भी अवैध तरीके से और पदाधिकारी की मिलीभगत से खुद को मेट्रन बनकर अवैध वसूली में लगी हुई है।

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