नालंदा दर्पण डेस्क। Challenge to CM Nitish: बिहार में सर्वाधिक चर्चित आईएएस अफसर एवं बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) रहे केके पाठक लंबी अवकाश के बाद 30 जून को ही पटना वापस आ गए हैं। उन्हें अवकाश से लौटने के बाद एक जुलाई से नव पदस्थापना यानी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में अपर मुख्य सचिव का पदभार लेना था, लेकिन उन्होंने नया पदभार ग्रहण नहीं लिया और अपनी छुट्टी 3 दिन और बढ़ा ली है।
अंदरुनी सूत्रों के अनुसार वे नया पदभार ग्रहण करने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर कुछ मुद्दों पर बात करना चाहते हैं। केके पाठक यह जानना चाहते हैं कि उन्हें उस दौरान बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पद से क्यों हटाया गया। यदि वे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव का पदभार संभाल भी लेते हैं तो उनकी कार्यशैली से स्थितियां उत्पन्न होगी, क्या उसका भी निदान स्थानांतरण ही होगा।
केके पाठक को लगता है कि उन्हें जिस तरह से छुट्टी के दौरान शिक्षा विभाग के एसीएस पद से हटाया गया है, उससे उनकी कार्यशैली और छवि प्रभावित हुई है। उसका गलत संदेश गया है। उसे लेकर लोगों में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही है। उसे स्पष्ट करना जरुरी है।
बता दें कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जिनके पास प्रशासन एवं कार्मिक विभाग भी है, केके पाठक को शिक्षा विभाग से हटाकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में स्थानांतरित कर कर दिया है। वहीं, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पदभार विभागीय सचिवालय के प्रधान सचिव डॉ, एस. एस सिद्धार्थ को सौंप दिया गया है। वहीं फिलहाल राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार दीपक कुमार सिंह के पास है।
यह भी उल्लेखनीय है कि श्री केके पाठक पिछले एक साल के भीतर बतौर शिक्षा विभाग के एसीएस शिक्षा विभाग में कई बड़े बदलाव किए, जिससे बिहार की शिक्षा में एक बदलाव की क्रांति का क्रम शुरू हो गया। इसी बीच अचानक केके पाठक को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में स्थानांतरित कर देना लोग पचा नहीं पा रहे हैं।
बहरहाल, ऐसी परिस्थिति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एसीएस केके पाठक आगे क्या निर्णय लेते हैं, इसका सटीक अंदाजा लगाना तो मुश्किल है, लेकिन कहा यह भी जा रहा है कि केके पाठक को शिक्षा विभाग में वापसी कराई जा सकती है या फिर बदहाल राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में कई एजेंडे पर काम करने को राजी हो सकते हैं।
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