फल्गु नदी में उफान: एकंगरसराय के दर्जनों गांव जलमग्न, तटबंध टूटा, सड़कें ध्वस्त
एकंगरसराय (नालंदा दर्पण)। फल्गु नदी में अचानक आए उफान ने एकंगरसराय प्रखंड में भारी तबाही मचाई है। नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने से लाला बिगहा पुल के पास मीना बाजार-मंडाछ मार्ग पर लगभग 50 फीट सड़क बह गई। जिससे मंडाछ, घाना बिगहा, पुलपर, वरछी बिगहा, गजोबाग, टिकहीपर और मठपर जैसे गांवों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट गया है।

इसके अलावा केशोपुर पंचायत के कोरथ के पास फल्गु नदी का तटबंध टूटने से कोरथ, शिवशंकरपुर, गिरैयापर, फरकुसराय, गोनाई बिगहा और अन्य गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया, जिससे घर, खेत और आजीविका को भारी नुकसान पहुंचा है।
बताया जाता है कि बुधवार दोपहर करीब 3 बजे फल्गु नदी में जलस्तर अचानक बढ़ने से लाला बिगहा पुल के पास सड़क का 50 फीट हिस्सा ध्वस्त हो गया। इस घटना ने मंडाछ पंचायत के पश्चिमी हिस्से को जलमग्न कर दिया।
कुसेता गुमटी से शिवशंकरपुर जाने वाली मुख्य सड़क पर दो फीट पानी बह रहा है। जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। कोरथ, केशोपुर, बरारी, मांसिंगपुर, केला बिगहा, सुल्तानपुर और जैतीपुर जैसे गांवों में खेतों में लगी धान की फसल डूब गई है। जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ। कच्ची पगडंडियां और खंधा की घेराबंदी भी क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे ग्रामीणों को रोजमर्रा की आवाजाही में भारी मुश्किलें हो रही हैं।
फरकुसराय के प्राथमिक विद्यालय के चारों ओर पानी भर गया है। जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई है। पानी घुस जाने से घर में अनाज, कपड़े और मवेशियों का चारा सब बर्बाद हो गया है। रास्ते बंद होने से बाजार तक जाना मुश्किल हो गया है।
हालांकि जिला और प्रखंड प्रशासन ने स्थिति पर काबू पाने के लिए त्वरित कार्रवाई शुरू की है। गुरुवार दोपहर को एनडीआरएफ की टीम मोटरबोट के साथ बाढ़ प्रभावित गांवों में पहुंची और राहत कार्य शुरू किए। कोरथ, शिवशंकरपुर और गिरैयापर में चूड़ा, गुड़ और चना के पैकेट वितरित किए।
सीओ विवेक कुमार ने बताया कि हमने उन परिवारों को चिह्नित किया है जिनके घरों में पानी घुसने से चूल्हा नहीं जल पा रहा है। सूखा नास्ता उसी के लिए है। हालांकि कोरथ गांव में राहत सामग्री के वितरण के दौरान कुछ ग्रामीणों ने सभी के लिए सामग्री की मांग की। जिससे हो-हल्ला हुआ और राहत टीम को बिना वितरण के लौटना पड़ा।
बहरहाल, बाढ़ ने न केवल घरों और खेतों को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि बुनियादी ढांचे को भी भारी क्षति पहुंचाई है। ग्रामीणों ने क्षतिग्रस्त सड़कों और तटबंधों की तत्काल मरम्मत के लिए मनरेगा योजना के तहत कार्य शुरू करने की मांग की है।
प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी रहेंगे। एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें स्थिति पर नजर रख रही हैं और प्रभावित परिवारों को आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है। ग्रामीणों की मांग है कि सड़कों और तटबंधों की मरम्मत के साथ-साथ बाढ़ से हुए नुकसान का मुआवजा भी प्रदान किया जाए।









