राजगीर (नालंदा दर्पण)। झारखंड प्रदेश के 40 सदस्यीय पर्यटन पदाधिकारियों के दल द्वारा राजगीर, नालंदा और पावापुरी के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों का परिभ्रमण किया गया।
झारखंड के पर्यटन पदाधिकारियों द्वारा राजगीर और नालंदा में पर्यटकों को दी जाने वाली सुविधाओं, पर्यटकों की सुरक्षा आदि का भी अध्ययन किया गया।
पर्यटन पदाधिकारियों ने राजगीर के केबिन रोपवे का आनंद लेने के बाद घोड़ाकटोरा झील में वोटिंग का भरपूर आनन्द लिया गया। उन्होंने जू सफारी, नेचर सफारी का सैर कराने के बाद ग्लास ब्रिज और ससपेंस ब्रिज आदि का भी भरपूर लुफ्त उठाया ।
वेणुवन का भ्रमण करने के बाद पर्यटक सूचना केंद्र में प्रभारी पर्यटन पदाधिकारी संजय कुमार द्वारा उन सभी का जोरदार स्वागत किया गया। बिहार पर्यटन का ब्रोसर, पर्यटन साहित्य, बैग, किट आदि उन्हें उपलब्ध कराया गया।
राजगीर के विरासतों, धरोहरों और प्राकृतिक सौन्दर्य को करीब से निहारने के बाद झारखंड के पर्यटन पदाधिकारियों का दल नालंदा के विश्व धरोहर का भ्रमण किया।
दुनिया के पहले आवासीय विश्वविद्यालय प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष को देखकर और उसके इतिहास को जानकर पर्यटन अधिकारी बहुत तो खुश नजर आये। भीषण गर्मी के बावजूद उनके द्वारा प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेषों का भ्रमण किया गया।
बौद्ध सर्किट नालंदा के बाद जैन सर्किट पावापुरी पहुंचकर जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की निर्माण भूमि, पावापुरी का दर्शन दल के द्वारा किया गया। उनके द्वारा जल मंदिर और मंदिर के अंदर महावीर स्वामी का दर्शन व नमन किया गया।
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