नालंदा दर्पण डेस्क। इन दिनों समीपवर्ती धनरूआ प्रखंड का शिक्षा प्रसार पदाधिकारी काफी सुर्खियों में हैँ। बीते दिन उनसे जुड़े एक बार फिर बड़ा हैरतअंगेज मामला प्रकाश में आया है। इस बार उन्होंने मसौढ़ी अनुमंडल लोक शिकायत निवारण कार्यालय एक डीडीओ शिक्षक को खुद की जगह बीआरपी बनकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है।
इस संबध में बातचीत का एक ऑडियो भी सामने आया है, जिसमें फर्जी बीआरपी बना शिक्षक साफ तौर पर बोल रहा है कि वह यह सब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के कहने पर किया है।
कहते हैं कि धनरुआ प्रखंड के विजयपुरा गांव निवासी राकेश कुमार रंजन के द्वारा लोक शिकायत निवारण कार्यालय में पूनम कुमारी, रेणु कुमारी,अशोक कुमार एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नवल किशोर सिंह के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई है। जिसकी सुनवाई जारी है।
इसी बीच बीते 22 अप्रैल 24 को मसौढ़ी अनुमंडल लोक शिकायत निवारण कार्यालय में सुनवाई थी। इस सुनवाई में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उपस्थित नहीं हुए और न ही अपने अधीनस्थ बीआरसी कार्यालय में उपस्थित बीआरपी, बीपीएम को ही भेजा। बल्कि एक शिक्षक श्रवण कुमार को मौखिक आदेश के द्वारा भेजा गया और बोला गया कि हस्ताक्षर कर बीआरपी लिख देना है। फिर क्या था, डीडीओ शिक्षक के द्वारा भी हस्ताक्षर उपरांत बीआरपी लिख दिया गया।
जाहिर है कि एक तो प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने अपने पदीय दायित्व का निवर्हन नहीं किया, वहीं दूसरी ओर मौखिक आदेश पर एक डीडीओ शिक्षक को अनुमंडल लोक शिकायत निवारण कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हुए फर्जी बीआरपी बन डाला। इस शिक्षा पदाधिकारी को कई गंभीर कारनामों को लेकर निलंबित किए जाने की कार्रवाई की अनुशंसा भी हो चुकी है। सोशल मीडिया में जिसकी चर्चा खूब हो रही है।
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