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जानें इस बार कब मनेगी मकर संक्रांति, इसमें छुपे हैं बड़े गूढ़ रहस्य

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Know when Makar Sankranti will be celebrated this time, there are big mysteries hidden in it
Know when Makar Sankranti will be celebrated this time, there are big mysteries hidden in it

यह पर्व न केवल सूर्य की दिशा परिवर्तन का प्रतीक है, बल्कि यह जीवन में सकारात्मकता, उदारता और सामूहिकता का संदेश भी देता है। तिल-गुड़ की मिठास के साथ सूर्य देवता की पूजा और दान-पुण्य का यह दिन हर किसी के जीवन को आनंद और समृद्धि से भर देता है

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। मकर संक्रांति भारतीय संस्कृति और परंपराओं का एक प्रमुख पर्व इस वर्ष 14 जनवरी 2025 को पूरे उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही यह पर्व खरमास के अंत और शुभ कार्यों के आरंभ का संदेश लाता है। त्योहार के आगमन से बाजारों में रौनक बढ़ गई है और तिलकुट की सोंधी महक माहौल को और खास बना रही है।

मकर संक्रांति के दिन सूर्य सुबह 8:41 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे। हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं। जिससे रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं।

यह बदलाव प्रकृति, ऋतु परिवर्तन और खेती-बाड़ी के लिए शुभ माना जाता है। पुण्यकाल का समय: सुबह 9:03 बजे से शाम 5:46 बजे तक। महा पुण्यकाल का समय: सुबह 9:03 बजे से सुबह 10:48 बजे तक।

उत्तरायण को देवताओं का दिन और सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध और तर्पण का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुनः प्राप्त होता है।

मकर संक्रांति का त्योहार तिल, गुड़, चूड़ा, दही, और तिलकुट के स्वादिष्ट व्यंजनों के बिना अधूरा है। बाजार में मधुमेह के रोगियों के लिए शुगर-फ्री तिलकुट भी उपलब्ध है। यह लोगों के बीच खूब लोकप्रिय हो रहा है। पर्व के दूसरे दिन खिचड़ी का भोग लगाकर इसे और खास बनाया जाता है।

मगध क्षेत्र में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। राजगीर में हर साल इस मौके पर राजकीय मकर मेला आयोजित किया जाता है। यह मेला स्थानीय संस्कृति, परंपराओं और उमंग का प्रतीक है।

मकर संक्रांति न केवल धार्मिक बल्कि प्रकृति से जुड़ा एक महत्वपूर्ण पर्व है। सूर्य की उत्तरायण गति को अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होना माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन घी और कंबल का दान मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।

बाजारों में तिलकुट, गुड़, चूड़ा, और दही की खरीदारी जोरों पर है। दुकानदारों का कहना है कि तिलकुट और गुड़ की मांग में हर साल वृद्धि होती है और इस बार भी त्योहार से पहले ही ग्राहक जमकर खरीदारी कर रहे हैं।

आइए इस मकर संक्रांति पर हम सब मिलकर परंपराओं का पालन करते हुए अपने जीवन में सकारात्मकता और उत्साह का प्रकाश फैलाएं।

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