राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गोल्डी की सुनहरी उड़ान को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा

नालंदा की दिव्यांग बेटी गोल्डी की यह अतुल्नीय उपलब्धि न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत के रुप में उभरकर सामने आई है

नालंदा दर्पण डेस्क। आज नई दिल्ली के भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नालंदा की 16 वर्षीय दिव्यांग बेटी गोल्डी कुमारी को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया। मिसी गांव निवासी संतोष यादव की बेटी गोल्डी ने अपनी संघर्षपूर्ण जीवन यात्रा और अद्भुत खेल उपलब्धियों से पूरे देश का दिल जीत लिया है।

गोल्डी ने 1 से 7 दिसंबर तक थाईलैंड में आयोजित विश्व पैरा ओलंपिक यूथ गेम्स में स्वर्ण सहित तीन पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। उनकी इस उपलब्धि के लिए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर यह सम्मान मिला। इससे पहले उन्होंने 13वीं राष्ट्रीय जूनियर और सब-जूनियर पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में एक स्वर्ण और दो रजत पदक जीतकर अपने कौशल का प्रदर्शन किया था।

गोल्डी की जीवन यात्रा कठिनाइयों और संघर्षों से भरी रही है। जब वह मात्र 10 महीने की थीं, तब पटना के खुसरूपुर में एक हादसे में ट्रेन की चपेट में आकर उन्होंने अपना बायां हाथ खो दिया। इस दुर्घटना में उनकी मां का भी निधन हो गया। इसके बाद उनकी नानी और दादी ने उन्हें पाला।

शारीरिक चुनौती और पारिवारिक कठिनाइयों के बावजूद गोल्डी ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने आठवीं कक्षा से खेलों में भाग लेना शुरू किया और सामान्य छात्रों को हराकर कई पदक जीते। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें जिला, राज्य, राष्ट्रीय और अंततः अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया।

गोल्डी अब पैरालंपिक में भारत के लिए पदक जीतने का सपना देख रही हैं। उसका मानना है कि उनकी यह यात्रा सिर्फ शुरुआत है और वह अपने हौसले और मेहनत से भारत का नाम और ऊंचा करेंगी।

गोल्डी की यह कहानी बताती है कि चुनौतियां चाहे कितनी भी बड़ी हों, दृढ़ इच्छाशक्ति और लगन से उन्हें हराया जा सकता है। राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किए जाने पर गोल्डी ने कहा है कि यह सम्मान सिर्फ उसका नहीं, बल्कि उसके परिवार और देश का है। वह अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए दिन-रात मेहनत करेगी।

Exit mobile version