नवजात बेटी को बेड पर छोड़कर फरार हुई मां, अस्पताल में खुला बड़ा राज

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण डेस्क)। नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ अवस्थित मॉडल सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में उस समय हड़कंप मच गया, जब एक नवजात बेटी को जन्म देने वाली मां अचानक बच्ची को बेड पर छोड़कर फरार हो गई। यह घटना न केवल अस्पताल प्रशासन को चौंका गई, बल्कि परिवारिक कलह, लैंगिक भेदभाव और आर्थिक तनाव की गहरी जड़ों को उजागर कर रही है।
घटना के केंद्र में है नूरसराय थाना क्षेत्र के मुजफ्फरपुर गांव की रहने वाली नंदनी कुमारी, जो अपने पति रोहित राज की पत्नी हैं। बीते 4 नवंबर को सदर अस्पताल में बेटी के जन्म के बाद नंदनी की नाराजगी चरम पर पहुंच गई और वह बच्ची को अकेला छोड़कर भाग निकली।
जानकारी के अनुसार नंदनी कुमारी ने 4 नवंबर को सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में एक स्वस्थ बेटी को जन्म दिया। यह उनकी पहली संतान थी। जन्म के तुरंत बाद नंदनी बेटी के जन्म से बेहद नाराज दिखीं। अस्पताल के वार्ड में मौजूद उनकी सास और अन्य परिजनों के साथ पैसों को लेकर तीखी बहस हुई।
ग्रामीणों का कहना है कि रोहित राज बाहर मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करते हैं, लेकिन ससुराल पक्ष से हमेशा आर्थिक विवाद चलता रहता है। बच्ची के जन्म के बाद वार्ड में ही पति-पत्नी और सास के बीच पैसे को लेकर हल्की नोक-झोंक हुई, जिसके बाद रोहित नाराज होकर घर लौट आए। इसके कुछ देर बाद नंदनी और उनकी सास भी नवजात बच्ची को बेड पर छोड़कर चली गईं।
अस्पताल स्टाफ को जब यह पता चला कि मां बच्ची को छोड़कर फरार हो गई है तो उन्होंने तुरंत नंदनी के परिजनों को सूचित किया। सूचना मिलते ही बच्ची की चाची अस्पताल पहुंचीं और सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद नवजात को अपने साथ ले गईं। बच्ची अब चाची के संरक्षण में है और परिवार की देखरेख में पल रही है।
ग्रामीणों से बातचीत में सामने आया कि रोहित राज और नंदनी की शादी को कुछ साल ही हुए हैं। रोहित बाहर मजदूरी करते हैं और परिवार की जिम्मेदारी उठाते हैं, लेकिन ससुराल पक्ष से पैसे को लेकर लगातार विवाद होता रहता है। बच्ची के जन्म के बाद नंदनी की नाराजगी का मुख्य कारण बेटी होना बताया जा रहा है। समाज में अभी भी पुत्र मोह की जड़ें गहरी हैं, जिसके चलते कई परिवारों में बेटी के जन्म को बोझ समझा जाता है।
इसके अलावा आर्थिक तंगी ने इस कलह को और भड़काया। वार्ड में हुई नोक-झोंक के गवाहों का कहना है कि सास और बहू के बीच पैसे की मांग को लेकर तीखी बहस हुई, जिसके बाद पूरा परिवार बच्ची को छोड़कर चला गया। यह घटना न केवल एक परिवार की कहानी है, बल्कि ग्रामीण बिहार में व्याप्त लैंगिक असमानता और आर्थिक दबाव की तस्वीर पेश करती है।









