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राजगीर आने वाले तीसरे और नालंदा पहुंचने वाले दूसरे प्रधानमंत्री होंगे नरेंद्र मोदी

Narendra Modi will be the third Prime Minister to visit Rajgir and the second Prime Minister to visit Nalanda
Narendra Modi will be the third Prime Minister to visit Rajgir and the second Prime Minister to visit Nalanda

नालंदा दर्पण डेस्क। मगध साम्राज्य की ऐतिहासिक राजधानी राजगीर आने वाले नरेंद्र मोदी तीसरे प्रधानमंत्री हैं। इनके पहले इंदिरा गांधी और मोरारजी देसाई का राजगीर दौरा हो चुका है। प्रधानमंत्री ज्ञानपीठ नालंदा के विश्व धरोहर का दीदार और भ्रमण भी कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर जिला प्रशासन, नालंदा विश्वविद्यालय प्रशासन और एएसआइ के द्वारा जोरशोर से तैयारियां की जा रही है। प्रशासन द्वारा सुरक्षा को लेकर अचूक व्यवस्था की जा रही है। प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय से लेकर नूतन नालंदा विश्वविद्यालय तथा प्रशासन द्वारा सड़क के दोनों ओर बैरिकेटिंग की जा रही है।

आजाद भारत में सबसे पहले प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का राजगीर दौरा हुआ था। उनके द्वारा अजातशत्रु किला मैदान में विशाल जनसभा को संबोधित किया गया था। उनके संबोधन के लिए बनाया गया मंच आज भी लोगों को श्रीमती इंदिरा गांधी के राजगीर दौरे की याद दिलाता है।

प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई भी राजगीर का दौरा कर चुके हैं। यहां के रत्नागिरी हिल की छोटी पर बने विश्व शांति स्तूप के पास निर्मित बौद्ध मंदिर का उद्घाटन मोरारजी देसाई द्वारा 1978 में किया गया था। उनके साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर भी साथ थे। नरेंद्र मोदी देश के तीसरे प्रधानमंत्री हैं, जिनका दौरा राजगीर में होने वाला है।

प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के अस्त होने के 800 साल बाद इस ज्ञानपीठ में फिर से नालंदा विश्वविद्यालय का पुनर्निर्माण कराया गया है। इसके निर्माण में दुनिया के 16 देशों का सहयोग मिल रहा है।

बिहार सरकार द्वारा विश्वविद्यालय भवन व परिसर निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराया गया है। धीरे धीरे यह विश्वविद्यालय अपनी पहचान को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नालंदा विश्वविद्यालय का विधिवत उद्घाटन करेंगे। हालांकि इस विश्वविद्यालय के भवनों में पिछले करीब छह साल काम काज औपचारिक रूप से किया जा रहा है।

वर्षों से तत्कालीन कुलपति प्रो. सुनैना सिंह और वर्तमान अंतरिम कुलपति प्रो. अभय कुमार सिंह द्वारा नालंदा विश्वविद्यालय के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री से अनुरोध किया जाता रहा है। तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद ज्ञानपीठ में उनका पहला दौरा हो रहा है।

ज्ञानपीठ नालंदा के कारण ही भारत विश्वगुरु कहलाता है। अब गौरवशाली शैक्षणिक परंपरा के इस विरासत से प्रधानमंत्री का शायद पहला साक्षात्कार होने वाला है। नालंदा विश्वविद्यालय का डंका केवल भारत नहीं, बल्कि दुनिया में बजती है। आज भी नालंदा विश्वविद्यालय सरिखा दुनिया में कोई विश्वविद्यालय नहीं है।

नालंदा के विश्व धरोहर का हाल जानने आयेंगे प्रधानमंत्री: प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष का हाल देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार ज्ञानपीठ नालंदा आ सकते हैं।

यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नालंदा आते हैं, तो विश्व विश्रुत नालंदा आने वाले ये देश के ये दूसरे प्रधानमंत्री होंगे। इनके पहले देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू नालंदा आ चुके हैं। मौका था चीन के तत्कालीन प्रधानमंत्री चाउ एन लाई के प्रतिनिधि बनकर धर्मगुरु दलाई लामा द्वारा ह्वेनसांग की अस्थि कलश नालंदा लाना। उस अस्थि कलश को जनवरी 1957 में प्रधानमंत्री नेहरू द्वारा प्राप्त किया गया था।

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