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नालंदा के जिस हाई स्कूल के छात्रों ने केके पाठक को दिखाया था आयना, वहां कुछ नहीं सुधरा

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बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के जिस हाई स्कूल के छात्रों ने बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक के कड़क तेवर को आयना दिखाया था, वहां कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। सब कुछ वहीं पुरे ढर्रे पर चल रहा है।

Nothing improved in the high school of Nalanda where the students had shown the mirror to KK Pathak 2बता दें कि बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक ने चंडी प्रखंड के उत्क्रमित हाई स्कूल माधोपुर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान ग्यारहवीं की छात्रों की कम उपस्थिति तथा बच्चे दरी पर बैठें देख भड़क गए। कोई भी छात्र ड्रेस में नहीं था।

केके पाठक ने छात्रों से कम उपस्थिति व बिना ड्रेस के बारे में पूछा गया तो बताया था कि कुछ छात्र आएं थे। जो शिक्षक की कमी देखकर चले गए।

छात्रों ने केके पाठक से यह भी कहा था कि सर छात्रों को 75 प्रतिशत उपस्थिति का निर्देश दिया जाता है। स्कूल में आते है तो शिक्षक की कमी से पढ़ाई नहीं हो पाता है। अगर् स्कूल में पढ़ाई ही नहीं होगा तो हम लोग कोचिंग के सहारे पढ़ाई कर रहें है तो स्कूल में कैसे 75 प्रतिशत उपस्थिति बनेगा। हम लोगों का ड्रेस भी नहीं मिला है।

तब केके पाठक ने छात्रों को डांटते हुए कहा था कि बहुत ज्यादा बोलता है। इसका नाम काटिए, सिनेमा हॉल बना रखा है। उसके वाद कक्षा नौंवी में जाकर सबसे पहले छात्रों से पूछा कि कौन कौन छात्र कोचिंग जाते है हाथ उठाइये।

इस पर 90 प्रतिशत छात्रों ने हाथ उठाते हुए कहा था कि स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है। शिक्षक नहीं है। इसके बाद केके पाठक ने हर क्लास में जाकर छात्रों से बातचीत की। हाई स्कूल में शिक्षकों की कमी देककर डीईओ को कई दिशा निर्देश देते हुए मध्य विधालय के शिक्षकों से क्लास लेने की बात कही।

वहीं निर्माणाधीन शौचालय को देखकर प्राभारी प्रधानाध्यापक पर केके पाठक भड़क पड़े थे। प्राभारी प्रधानाध्यापक ने कहा था कि हमे आये हुए मात्र छह माह ही हुए है। जल्द ही शौचालय का निर्माण करा लिया जाएगा।

पंसस अनिल कुमार ने की जांच की थी माँगः उधर उत्क्रमित उच्च विधालय में निरीक्षण के दौरान महकार पंचायत के पंचायत सामिति सदस्य अनिल कुमार ने केके पाठक को चंडी प्रखंड में हुए प्राधिकार से बहाल हुए शिक्षक की सूची देकर जांच करने की मांग किया था।

उन्होंने यह बताया था कि जिस सीट पर सभी शिक्षक का बहाली हो चुकी थी, पुनः उस सीट पर प्राधिकार के अदेश पर शिक्षक बहाल हो गया। करीब 36 शिक्षक चंडी प्रखंड के विभिन्न स्कूल में बहाल किया गया।  इस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।

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