Home अपराध नालंदा एसपी की लापरवाही से पुलिस की कार्यशैली उठ रहे सवाल

नालंदा एसपी की लापरवाही से पुलिस की कार्यशैली उठ रहे सवाल

नालंदा दर्पण डेस्क। इन दिनों नालंदा जिले में पुलिस की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। साल भर में ऐसे मामलों में काफी इजाफा हुआ है। पान दुकानदार से पैसा मांगने, बालू कारोबारी से लेन-देने करने, नाबालिक लड़का को लात-घुसे से मारने और बाल नोचने का वीडियो वायरल अब तक हो चुका है। अमानवीय व्यवहार करने वाले पुलिस पदाधिकारी और कर्मी के खिलाफ अब तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं होने के कारण उनकी कार्यशैली में दिन-ब-दिन बर्बरता बढ़ती जा रही है।

लोगों का कहना है कि पुलिस की अमानवीय कार्यशैली होने के कारण उनके वरीय अधिकारी द्वारा दोषी पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मी के बचाव में आ जाते हैं। कभी-कभार लोगों का गुस्सा हंगामा का रूप लेता है तो खानापूर्ति के लिए सिर्फ अमानवीय कार्य करने वाले पुलिस पदाधिकारी व दोषी कर्मियों को कुछ दिन के लिए निलंबित या अन्य थाने में स्थानांतारण कर दिया जाता है। और फिर सारा मामला रफा-दपा। यहीं कारण है कि दिन-ब-दिन पुलिस की बर्बरता बढ़ती जा रही है।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बीते दो वर्ष पूर्व अस्पताल चौक पर नाबालिक को के साथ लात-घुसे करने और उसके बाल नोचने के मामले में तत्कालीन एसपी के द्वारा दोषी पुलिस के खिलाफ किये गये कार्रवाई पर असंतोष जताते हुए इस मामले को गंभीरता पूर्वक लिया है। इसको लेकर बिहार सरकार के सचिव के नाम से 25 हजार जुर्माना भरने का आदेश जारी किया है।

फिर भी पीपुल्स फ्रेंडली की दम भरने वाली नालंदा पुलिस की कार्यशैली नहीं सुधर रही है। अपराधी से अधिक लोग नालंदा पुलिस से ही डरने लगे हैं। वर्तमान में शुरू किये गये 112 नंबर की सेवा वाले पुलिस की तो बात ही क्या है। जो फोन करता है, उसी पर ही वे गुस्सा निकालते हैं।

पुलिस हाजत में जदयू नेता का हत्यारोपी थानेदार गया जेलः  कुछ वर्ष पूर्व नगरनौसा थाना में जदयू नेता की पुलिस कस्टडी में मौत हो गयी थी। जिसमें लोगों ने कई दिनों तक हंगामा किया था और निष्पक्ष जांच की मांग की थी। तब इस मामले में वहां के तत्कालीन थाना प्रभारी गिरफ्तार कर हत्या के आरोप में जेल भेजा गया था। जिसे बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय ने दोषी पाकर सजा दे चुकी है। बावजूद नालंदा पुलिस की बर्बरता कम नहीं हो रही है।

पुलिस की बर्बरता से है पुराना नाताः सितंबर 2023 में सोहसराय रेलवे गुमटी के पास दो पुलिस कर्मी का आपस में मारपीट -लाठी डंडे चलाते वीडियो वायरल हुआ था। इस वर्ष अप्रैल 2024 सोहसराय थाना क्षेत्र में दुकानदार को केस -01 पुलिस कर्मियों द्वारा मारपीट करने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब फैला था। ऐसे गंभीर मामले लहेरी, बिहार, थरथरी, चंडी, नगरनौसा, राजगीर, सिलाव, दीपनगर आदि थानों की पुलिस से जुड़े उजागर होते रहे हैं।

इस संबंध में पुलिस की दलील है कि पुलिस पर कई प्रकार का दबाव होता है। इसलिए पुलिस मैनुअल से अलग हटकर अपराधियों में खौफ पैदा करने के लिए कभी-कभार कड़ाई से पेश होना पड़ता है। यह बहुत पहले से होते आ रहा है। यह गलत है, लेकिन इधर कुछ वर्षों से हर हाथ में स्मार्ट मोबाइल आ गया है, जिससे पुलिस की कार्यशैली उजागर होने लगा है। सरकार को पुलिस समेत सभी प्रकार के सरकारी कर्मचारी व अधिकारियों की कार्यशैली की मुआयना करने की सिस्टम लानी चाहिए।

हॉक जवानो ने किशोर को सरेआम लात-घूसों से पीटाः नशा मुक्ति दिवस पर श्रम कल्याण केंद्र के मैदान से प्रभात फेरी निकलने वाली थी। जिस कारण रूट को वन-वे किया गया था। इसकी जानकारी नहीं होने के कारण एक किशोर वन-वे रूट में साइकिल लेकर चला गया था।

इसके बाद वहां मौजूद नगर थाना के चार हॉक जवानों ने किशोर पर लात-घुसे बरसाते हुए डंटे से उसकी पिटाई कर रहे थे। सिर के बाल को भी नोच रहे थे। कुछ राहगीरों ने घटना का वीडियो बना कर उसे वायरल कर दिया। जिसमें दोषी पुलिस कर्मियों पर केस होना चाहिए था, लेकिन तत्कालीन नालंदा एसपी ने दोषी पर सिर्फ निंदा और तबादला की कार्रवाई की थी।

इसपर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,दिल्ली ने एक माह पहले बिहार सरकार के सचिव को चार सप्ताह में 25 हजार मुआवजा देने का आदेश दिया है। भुगतान के बाद उसके प्रमाण की मांग भी आयोग ने की है। बताया जाता है नालंदा जिले में पुलिस बर्बरता का वीडियो वायरल होकर दिल्ली तक पहुंच गया था, जिसपर मानवाधिकार आयोग ने नजर रखी हुई है।

गैराज मिस्त्री को बीच सड़क दौड़ा-दौड़ा कर पीटाः सिलाव थाना पुलिस ने सीमा गांव में वाहन मिस्त्री को सड़क पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। एक पुलिस पदाधिकारी, तीन कर्मी के साथ मिलकर एक वाहन मिस्त्री को लात-घुसे और लाठी से पिटाई करते रहे थे। कुछ राहगीरों ने घटना का वीडियो बनाकर उसे वायरल कर दिया।

बताया जाता है कि घटना के दिन दोपहर में सिलाव थाना के जमादार मनोज कुमार तीन अन्य कर्मियों के साथ थाना की गाडी बनवाने सीमा गांव स्थित गैराज गये थे। पुलिस पदाधिकारी ने मिस्त्री को जल्दी गाड़ी ठीक करने को कहा था तो मिस्त्री ने कहा जो गाड़ी बना रहे हैं। उसके बाद आपकी गाड़ी बनेगी।

इसपर पुलिस पदाधिकारी आपा खो दिये और मिस्त्री के साथ मारपीट शुरू कर दी। लोगों ने कहा कि इस मामले में वरीय पदाधिकारी दोषी पुलिस पर अब तक कार्रवाई नहीं की है। इससे लोगों में असंतोष है।

पुलिस की गंभीर पिटाई से जख्मी कैदी की मौतः दीपनगर थाना अंतर्गत मंडल कारा के एक विचाराधीन कैदी की मौत सदर अस्पताल में इलाज के दौरान हो गयी थी। मृतक नगर थाना क्षेत्र के नारसलीगंज निवासी छोटे राम का 19 वर्षीय पुत्र राजू कुमार था। मृतक के परिजन ने पुलिस पर थर्ड डिग्री की टॉर्चर का आरोप लगाया था। पिटाई से कैदी का अंडकोष जख्मी हो गया था। वह टीबी रोग से भी ग्रसित था।

बिहार थाना पुलिस ने गौरागढ मोहल्ले के नीम पेड़ के पास से मृतक युवक को तीन सहयोगियों के साथ गिरफतार किया था। आरोपितों के पास से 39 पुड़िया ब्राउन शुगर, 28 हजार नगद बरामद हुआ था। दो अन्य बदमाश मौके से फरार हो गये थे। कैदी की मौत की सूचना मिलते ही अस्पताल चौक पर सैकड़ों लोगों ने हंगामा किया था, जिसमें 63 लोगों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज करायी थी।

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