Home धर्म-कर्म पावापुरी महोत्सव-2024 और जरासंध महोत्सव-2024 की समीक्षा बैठक

पावापुरी महोत्सव-2024 और जरासंध महोत्सव-2024 की समीक्षा बैठक

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Review meeting of Pavapuri Festival-2024 and Jarasandha Festival-2024
Review meeting of Pavapuri Festival-2024 and Jarasandha Festival-2024

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। पावापुरी महोत्सव-2024 (Pavapuri Festival-2024) और जरासंध महोत्सव-2024 (Jarasandha Festival-2024) की तैयारी के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर एवं पुलिस अधीक्षक भारत सोनी द्वारा किया गया। इस बैठक में विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। जिनमें स्थानीय प्रशासन, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य सेवा और पर्यटन विभाग के प्रतिनिधि शामिल थे।

बैठक का उद्देश्य महोत्सवों की सुरक्षा एवं व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदमों की विवेचना करना था। इसमें जिलाधिकारी शुभंकर ने सभी उपस्थित अधिकारियों से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और महोत्सव के दौरान संभावित चुनौतियों और उनके समाधान पर चर्चा की।

बैठक में प्रमुख निर्णयों में सुरक्षा योजना, यातायात प्रबंधन, जन स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की समय-सारणी शामिल थीं। पुलिस अधीक्षक भारत सोनी ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाएगा और सभी पुलिस अधिकारियों को नियमित रूप से तैनात किया जाएगा।

जिलाधिकारी द्वारा बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि सभी संबंधित विभागों को अपने कार्यों की नियमित समीक्षा करनी चाहिए ताकि सभी व्यवस्थाएं समय पर पूरी हो सकें। बैठक के अंत में सभी अधिकारियों ने एकजुटता से यह संकल्प लिया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में पूरी तत्परता से काम करेंगे ताकि पावापुरी महोत्सव-2024 और जरासंध महोत्सव-2024 सफलतापूर्वक आयोजित हो सकें।

पावापुरी महोत्सव-2024 का महत्वः पावापुरी महोत्सव भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में एक विशेष स्थान रखता है। यह महोत्सव विशेष रूप से जैन धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भगवान महावीर के निर्वाण स्थल पर आयोजित होता है।

पावापुरी का ऐतिहासिक स्थान न केवल धार्मिक श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का भी प्रतीक है। पावापुरी महोत्सव-2024 की तैयारियाँ जोरों पर हैं और इसे 14 से 16 नवंबर 2024 तक मनाए जाने की योजना है।

पावापुरी महोत्सव के दौरान धार्मिक जलाशयों की सफाई, पूजा-अर्चना और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यह महोत्सव जैन समुदाय के बीच एकजुटता को बढ़ावा देता है और आने वाली पीढ़ियों के लिए धार्मिक मान्यता को संजोता है।

इस आयोजन में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के अलावा, नाटकों, गीतों और नृत्य प्रस्तुतियों द्वारा जैन धर्म की भव्यता को प्रदर्शित किया जाता है। ऐसे कार्यक्रम संस्कृति के संरक्षण में सहायता करते हैं और लोगों को उनके इतिहास से अवगत कराते हैं।

इस महोत्सव का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करता है। महोत्सव के दौरान आयोजित हो रही गतिविधियों में लोक कला, संगीत और परंपरागत व्यंजनों का योगदान इसे और अधिक आकर्षित बनाता है।

पावापुरी महोत्सव-2024 न केवल जैन धर्म के अनुयायियों के लिए, बल्कि सभी के लिए एक अमूल्य अनुभव के रूप में स्थापित होने जा रहा है। यह भारतीय संस्कृति की विविधता और गहराई को दर्शाता है, जिससे सभी को लाभ होता है।

जरासंध महोत्सव-2024 की तैयारीः जरासंध महोत्सव-2024 की तैयारी इस वर्ष के लिए जोश और उत्साह से भरी हुई है। यह महोत्सव प्राचीन भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो राजा जरासंध की याद में मनाया जाता है।

इस महोत्सव का आयोजन ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर के प्रति श्रद्धाजलि अर्पित करने का एक अवसर है, जो न केवल स्थानीय समुदाय के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है।

इस वर्ष महोत्सव के आयोजन के लिए कई विशेष योजनाएँ बनाई गई हैं। समिति ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, नृत्य प्रस्तुतियों और खेलकूद गतिविधियों की योजना बनाई है, जिससे लोगों को जरासंध की ऐतिहासिक कथा से जोड़ने का अवसर मिलेगा। इसे ध्यान में रखते हुए, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर कार्यक्रम का आयोजन गुणवत्ता और स्थानीय संस्कृति के अनुरूप हो।

इसके अलावा आवश्यक व्यवस्थाएँ भी की जा रही हैं। स्थल की सजावट, प्रकाश व्यवस्था, और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की गई है। महोत्सव के दौरान जीवंतता को बढ़ाने के लिए विशेष अतिथियों और विद्वानों को आमंत्रित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के स्टॉल भी लगाए जाएंगे। जिनमें स्थानीय हस्तशिल्प, भोजन और अन्य सांस्कृतिक वस्तुएं प्रदर्शित की जाएंगी।

समिति का प्रयास है कि इस महोत्सव के माध्यम से लोगों को जरासंध के ऐतिहासिक महत्व के बारे में जागरूक किया जाए। इसलिए इस महोत्सव का आयोजन केवल अतीत की स्मृति को नहीं, बल्कि वर्तमान और भविष्य के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बनाने का प्रयास होगा।

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