Home रोजगार मधुमक्खी पालन में स्वरोजगार: प्रशिक्षण मुफ्त, उपकरणों पर 90% अनुदान

मधुमक्खी पालन में स्वरोजगार: प्रशिक्षण मुफ्त, उपकरणों पर 90% अनुदान

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Self employment in beekeeping: Training free, up to 90% subsidy on equipment
Self employment in beekeeping: Training free, up to 90% subsidy on equipment

मधुमक्खी पालन एक ऐसा क्षेत्र है, जहां स्वरोजगार के साथ-साथ कॅरियर की भी असीम संभावनाएं हैं। शुद्ध शहद और इसके उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए यह व्यवसाय बेहद लाभदायक साबित हो सकता है

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले में बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में स्वरोजगार के सुनहरे अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। उद्यान विभाग ने मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने और इसे कॅरियर के रूप में स्थापित करने के लिए एक विशेष योजना शुरू की है। इसके तहत इच्छुक युवाओं को मुफ्त प्रशिक्षण और उपकरणों पर भारी अनुदान दिया जाएगा।

आत्मा के परियोजना उप निदेशक ने बताया कि यह प्रशिक्षण बिहार कौशल विकास मिशन के तहत आयोजित किया जाएगा। 10 दिनों के इस प्रशिक्षण में मधुमक्खी पालन की बारीकियों, शहद उत्पादन की प्रक्रिया और आवश्यक उपकरणों का उपयोग सिखाया जाएगा। प्रशिक्षण के इच्छुक लोग जिला कृषि कार्यालय स्थित आत्मा कार्यालय में आवेदन जमा कर सकते हैं। चयन प्रक्रिया पहले आओ और पहले पाओ के आधार पर होगी।

प्रशिक्षण में यह मिलेगाः प्रशिक्षण की अवधि: 10 दिन, बैच आकार: 30 प्रतिभागी प्रति बैच, प्रशिक्षण का उद्देश्य: शहद उत्पादन, उपकरणों का उपयोग और व्यावसायिक दक्षता प्राप्त करना, प्रमाण पत्र: सफल प्रतिभागियों को प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।

नालंदा उद्यान विभाग के सहायक निदेशक के अनुसार इस योजना के तहत उपकरणों की खरीद पर सामान्य वर्ग के लिए 75% और अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लिए 90% तक अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान शहद उत्पादन और मधुमक्खी पालन के लिए आवश्यक उपकरणों जैसे मधुमक्खी बॉक्स, सुरक्षा किट, और शहद निकालने की मशीनों पर लागू होगा।

इच्छुक युवक-युवतियां आत्मा कार्यालय, जिला कृषि कार्यालय में जाकर अपना आवेदन जमा कर सकते हैं। नामांकन प्रक्रिया जल्द शुरू हो रही है, और चयन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर होगा। इस पहल से नालंदा जिले में बेरोजगारी कम करने और स्वरोजगार को प्रोत्साहन देने की उम्मीद है। युवाओं के लिए यह एक शानदार मौका है कि वे मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में दक्षता प्राप्त करें और आत्मनिर्भर बनें।

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