नालंदा दर्पण डेस्क। नालंदा जिले में फर्जी प्रमाण-पत्रों पर नौकरी करने वालों पर बहाल शिक्षकों पर निरंतर कार्रवाई हो रही है। हरनौत प्रखंड के वाजितपुर प्राइमरी स्कूल की प्रधान शिक्षिका रीता रानी 12 वर्ष से शिक्षा विभाग की आंख में धूल झोंककर नौकरी कर रही थीं।
निगरानी विभाग के इंस्पेक्टर लाल मोहम्मद ने शिक्षिका द्वारा दूसरे के प्रमाण-पत्र पर नौकरी करने की पुष्टि होने पर गोखुलपुर ओपी में गुरुवार को मामला दर्ज कराया। उसके बाद गोखुलपुर ओपी प्रभारी माया यादव ने तत्काल कार्रवाई करते हुए शिक्षिका को गिरफ्तार कर लिया।
निगरानी इंस्पेक्टर के अनुसार हरनौत प्रखंड की चौरिया पंचायत के वाजितपुर में तैनात शिक्षिका का प्रमाण पत्र संस्कृत बोर्ड का था। संस्कृत बोर्ड से शिक्षिका का अंकपत्र व अन्य प्रमाण-पत्रों की जांच कराने पर चौकाने वाले खुलासे हुए।
पिता के नाम और जन्म तिथि में अंतर: संस्कृत बोर्ड में जांच के दौरान पाया गया कि शिक्षिका लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा थाना के सहुर गांव निवासी गंगा प्रसाद की पुत्री हैं। लेकिन, जिन प्रमाणपत्र पर नौकरी कर रही थीं, उन प्रमाण-पत्रों में रीता कुमारी के पिता का नाम सुरेश प्रसाद दर्ज है। जबकि, इनके पिता का वास्तविक नाम गंगा प्रसाद है। साथ ही, जन्म तिथि में भी अंतर पाया गया।
नियोजन इकाई को भेजा पत्र: बीईओ सुरेन्द्र प्रसाद सिन्हा के अनुसार फर्जी दस्तावेज पर बहाल शिक्षिका पंचायत नियोजन इकाई से नियोजित हैं। उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शिक्षिका को निलंबित कर चौरिया पंचायत नियोजन इकाई को विधिसम्मत कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजा गया है।
हाल में 56 शिक्षकों के विरुद्ध हुई कार्रवाई: डीईओ जियाउल होदा खां के अनुसार निगरानी विभाग द्वारा जिले के 9,553 नियोजित शिक्षकों की प्रमाण पत्रों की जांच होनी है। इनमें से कई शिक्षकों की प्रमाण-पत्रों की जांच हो चुकी है।
एक साल पहले 79 शिक्षकों के प्रमाण-पत्रों के गलत पाये जाने पर संबंधित थानों में निगरानी विभाग ने एफआईआर दर्ज करायी थी। हाल में 56 शिक्षकों के प्रमाण-पत्र गलत पाये जाने पर संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज करायी गयी है।
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