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नालंदा में जम्मू की तर्ज पर मां वैष्णो देवी मंदिर गढ़ रहे हैं गोड्डा के कारीगर

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बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। जम्मू की तर्ज पर मां वैष्णो देवी का मंदिर बिहार शरीफ के गढ़पर मोहल्ला में भी बन रहा है। इस मंदिर का 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है। आपसी सहयोग से निर्माण कार्य गति देने में नव बाल संघ के लोग जुटे हैं। गुफा नुमा मंदिर तीन तल्ले का होगा।

The artisans of Godda of Jharkhand are building the temple of Maa Vaishno Devi in Nalanda on the lines of Jammu 1जिस प्रकार जम्मू में मां वैष्णो देवी के दर्शन के दौरान वाण गंगा, हाथीमथा, अर्धकुमारी के दर्शन भक्त जन करते हैं। इस तरह के नजारे यहां बनने वाले गुफाओं के मंदिर में भी भक्तों को दिखेगा। माता रानी पिंडी रूप में भक्तों को दर्शन देगी। उनकी कृपा पाकर श्रद्धालु गदगद हो जाएंगे।

नव बाल संघ के अध्यक्ष रवि कुमार बताते हैं कि गुफा के अंदर झरने, शेर, बाणगंगा की कल-कल करती धारा के अलावा बहुत कुछ रहेगा। निकास द्वार को सांप के मुंह का आकार दिया जाएगा।

प्रवेश द्वार पर 40 फीट ऊंची भगवान महावीर की बड़ी सी प्रतिमा बनायी जा रही है। साथ ही भगवान गणेश भी प्रवेश द्वार के बगल में विराजमान रहेंगे। मंदिर के बाहरी हिस्से को जंगल का स्वरूप दिया जाएगा।

झारखंड के गोड्डा के कारीगरों द्वारा मंदिर को आकर्षक आकार दिया जा रहा है। पहले तल्ले पर शिवखोड़ी का दर्शन होगा। यहां भगवान शंकर विराजमान होंगे। जबकि गुफा के आखिरी छोर पर मां पिंडी रूप में भक्तों को दर्शन देगी।

इस निर्माणाधीन वैष्णो देवी मंदिर के प्रारूप की नींव कक्कू बाबा ने रखी थी। उन्हीं की सोच थी कि नालंदा में भव्य मंदिर का निर्माण कराया जाए। चंदा कर निर्माण कार्य में जुटे तो लोगों का सहयोग भी मिला।

हालांकि वर्तमान अध्यक्ष का कहना है कि कई लोग आर्थिक सहयोग करने का भरोसा दिया था। लेकिन अब तक पूरा नहीं किया है। इस वजह से जिस रफ्तार से मंदिर का निर्माण होना चाहिए, वह नहीं हो पा रहा है।

संघ के सदस्यों का कहना है कि अभी 40 फीसद काम होना बाकी है। घर-घर जाकर चंदा इकट्ठा किया जाएगा। पूरा प्रयास रहेगा की अगले कुछ सालों में इसका निर्माण पूरा कर लिया जाए और मां की प्राण प्रतिष्ठा कर मंदिर का पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएं।

दुर्गा पूजा के मौके पर अर्ध निर्मित मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। इस अवसर पर खास इंतजाम भी किया जाता है, ताकि श्रद्धालुओं को अर्ध निर्मित गुफा के अंदर जाने और मां के दर्शन करने में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।

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