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मैट्रिक में 90% अंक लाने वाला चंडी का प्रिंस बनना चाहता है डाॅक्टर

चंडी (नालंदा दर्पण)। बिहार बोर्ड की परीक्षा में  90 प्रतिशत अंक लाकर प्रिंस कुमार ने चंडी का गौरव बढ़ाया है। उत्क्रमित मध्य विद्यालय ,रैसा का छात्र चंडी के मिलेनियम कोचिंग से पूरी तरह पढ़ाई कर उसने मैट्रिक परीक्षा में 468 अंक लाकर अपने कोचिंग का गौरव बढ़ाया है।

The man who scored 90 in matriculation wants to become the prince of Chandi a doctor 2चंडी प्रखंड के ओलीविगहा के साधारण परिवार से आने वाले मनोज प्रसाद और रिंकी कुमारी के छोटे पुत्र प्रिंस कुमार ने अपने गांव-जेवार का नाम रोशन किया है।

प्रिंस कुमार आगे की पढ़ाई कर नीट की तैयारी कर एक डॉक्टर बनकर अपने गांव की सेवा करना चाहता है। उसने अपनी सफलता का श्रेय अपने मिलेनियम कोचिंग के चहेते शिक्षक आलोक सर उर्फ सिपू भैया सहित सभी शिक्षकों को देते हुए कहा कि संस्थान के सभी शिक्षकों का मार्गदर्शन हमेशा मिलता रहा है। शिक्षक सभी छात्रों को शुरूआती दौर से ही परीक्षा में सफलता के गुर सिखाते रहें हैं।

वहीं इसी संस्थान की नगरनौसा प्रखंड के बलबा पर निवासी धर्मवीर कुमार की छोटी बेटी काजल कुमारी ने भी 459 अंक लाकर अपने परिवार का नाम रौशन किया है।

वहीं भगवानपुर के प्रदीप कुमार की बेटी अंशु रानी ने भी 456 तथा कोरुत गांव के सूरज कुमार ने भी 456 अंक लाकर अपने माता-पिता और गांव का मान बढ़ाया है। सभी इंटर की पढ़ाई पूरी कर नीट की तैयारी करना चाहते हैं।

मैट्रिक परीक्षा में इस बार ग्रामीण इलाकों के छात्रों का भी दबदबा देखने को मिला है। चंडी प्रखंड के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है। हालांकि अब सरकारी स्कूल सिर्फ फार्म भरने और परीक्षा लेने तक ही सीमित रह गए हैं। वहीं इस इस सफलता में निजी संस्थानों का एक बड़ा योगदान रहा है।

चंडी के मिलेनियम एजुकेशन प्वाइंट के सात छात्रों ने नब्बे फीसदी से ज्यादा अंक हासिल किया है। जबकि तीन दर्जन छात्र-छात्राओं ने 400 से ज्यादा अंक लाकर अपने कोचिंग का सम्मान बढ़ाया है। वहीं नब्बे प्रतिशत अंक लाने वालों में काजल कुमारी (455),खुशी कुमारी (454),संजय कुमार (454) अंक शामिल हैं।

सभी सफल छात्रों को बधाई देते हुए संचालक आलोक कुमार उर्फ सिपू भैया, सूर्यमणि प्रसाद,प्रो राजेश्वर प्रसाद, जितेंद्र कुमार,रवि कुमार,जानू मालाकार, विक्रम कुमार, रजनीश कुमार सहित सभी शिक्षकों ने इसे छात्रों की कड़ी मेहनत का नतीजा बताया।

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