Home नगरनौसा पुलिस न्यायिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल है नगरनौसा क्षेत्र का यह मामला

पुलिस न्यायिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल है नगरनौसा क्षेत्र का यह मामला

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This case of Nagarnausa area is a serious question on the police judicial system
This case of Nagarnausa area is a serious question on the police judicial system

अब पुलिस न्यायिक व्यवस्था पर बड़ा सवाल यह है कि सुधा के पहले पति और उसके परिवार के खिलाफ चल रहे केस का क्या होगा? कुंदन पर लगे झूठे आरोप  और जेल की सजा की भरपाई कौन करेगा? सुधा के दूसरे विवाह की कानूनी स्थिति क्या मानी जाएगी? क्योंकि यह मामला एक बड़ी सीख है कि सत्य की गहराई से जांच कितनी जरूरी है

हिलसा (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के नगरनौसा थाना क्षेत्र में एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पुलिस न्यायिक व्यवस्था और सामाजिक रिश्तों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस पत्नी की हत्या के आरोप में पति जेल की सजा काट चुका है और अब भी अदालत में मुकदमा लड़ रहा है, वह महिला 6 साल बाद पूर्णिया में जिंदा मिली है। उसने दूसरी शादी कर ली है और उसका अब 5 साल का बच्चा भी है।

नगरनौसा थाना क्षेत्र अंतर्गत चौरासी गांव में वर्ष 2015 में सुधा कुमारी की शादी कुंदन कुमार से हुई थी। लेकिन शादी के एक साल बाद ही वह ससुराल से अचानक गायब हो गई। उसके बाद मायके वालों ने काफी तलाश की और जब कोई सुराग नहीं मिला तो वर्ष 2018 में उन्होंने कोर्ट का सहारा लिया। फिर कोर्ट के आदेश पर सुधा के पति कुंदन कुमार समेत 7 लोगों के खिलाफ दहेज और हत्या का मामला दर्ज किया गया।

इस मामले में कुंदन कुमार को चार महीने जेल की सजा काटनी पड़ी। हैरानी की बात यह है कि नगरनौसा थाना पुलिस ने तब महिला को मृत मानते हुए आरोप-पत्र दाखिल भी कर दिया। इससे यह मामला और पेचीदा हो गया। फिलहाल कुंदन जमानत पर बाहर है और दूसरे राज्य में प्रवासी मजदूर का जीवन रह रहा है।

अब उस भूले-बिसरे मामले में नया मोड़ तब आया, जब पुलिस को पता चला कि सुधा कुमारी जीवित है। वह पूर्णिया जिले के धमदाहा थाना क्षेत्र में अपने दूसरे पति के साथ रह रही थी। पुलिस ने उसे बरामद कर 19 दिसंबर, 2024 को हिलसा कोर्ट में पेश किया। कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने सुधा को उसके दूसरे पति को सौंप दिया।

जांच में यह भी सामने आया कि शादी से पहले ही सुधा का किसी और युवक से प्रेम संबंध था और वह शादी के बाद भी अपने प्रेमी के संपर्क में रही और वर्ष 2016 में कुंदन को छोड़कर उसके साथ भाग गई।

उसके बाद सुधा के गायब होने के बाद उसके मायके वालों ने इसे दहेज और हत्या का मामला मानते हुए कुंदन और उसके परिवार वालों पर मामला दर्ज करा दिया। अब कोर्ट में मुकदमा जारी रहने के दौरान यह खुलासा होने से कुंदन और उसके परिवार को भले राहत मिली है। लेकिन इस मामले में पुलिस न्यायिक व्यवस्था के कामकाज पर उठते सवाल चर्चा के विषय बन गए हैं।

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