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आर्थिक तंगी से टूटे परिवार के 5 सदस्यों ने खाया जहर, 2 बेटी की मौत, अन्य गंभीर

राजगीर (नालंदा दर्पण)। विश्व प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल पावापुरी जलमंदिर के समीप एक परिवार की दुखद घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। शेखपुरा जिले के पुरनकामा सिक्करपुर गांव के एक परिवार के पांच सदस्यों ने आर्थिक तंगी और कर्ज के बोझ तले दबकर सामूहिक रूप से जहर खा लिया। इस हृदयविदारक घटना में दो नाबालिग बेटियों की मौत हो गई, जबकि अन्य तीन सदस्यों का इलाज पावापुरी के भगवान महावीर अस्पताल (विम्स) में चल रहा है।

यह परिवार पिछले छह महीनों से पावापुरी जलमंदिर के सामने एक किराए के मकान में रह रहा था। परिवार के मुखिया धर्मेंद्र कुमार (40 वर्ष) कपड़े के कारोबार से जुड़े थे, लेकिन व्यवसाय में लगातार नुकसान और पांच लाख रुपये के कर्ज ने परिवार को गहरे संकट में डाल दिया।

साहूकारों के बढ़ते दबाव और आर्थिक तंगी ने परिवार को मानसिक रूप से तोड़ दिया। शुक्रवार की शाम परिवार के पांच सदस्यों धर्मेंद्र कुमार, उनकी पत्नी सोनी कुमारी (38 वर्ष), बेटी दीपा कुमारी (16 वर्ष), बेटी अरिमा कुमारी (14 वर्ष), और बेटा शिवम कुमार (15 वर्ष) ने जहर खा लिया। इनमें से दीपा और अरिमा की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।

धर्मेंद्र का छोटा बेटा, जो इस घटना के समय जहर नहीं खा सका, सुरक्षित है और वर्तमान में पुलिस की देखरेख में है।

पड़ोसियों को घटना की भनक लगते ही स्थानीय पुलिस को सूचित किया गया। राजगीर डीएसपी सुनील कुमार सिंह और इंस्पेक्टर मनीष भारद्वाज के नेतृत्व में पुलिस और प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की। सभी पीड़ितों को भगवान महावीर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर उनकी जान बचाने की कोशिश में जुटे हैं।

डीएसपी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि कर्ज और आर्थिक दबाव के कारण परिवार ने यह कदम उठाया। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार परिवार पर साहूकारों का दबाव लगातार बढ़ रहा था। कपड़े के कारोबार में नुकसान और कर्ज चुकाने की असमर्थता ने परिवार को हताश कर दिया था। यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज में बढ़ते आर्थिक दबाव और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी को भी उजागर करती है।

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