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इस्लामपुर में 62% मतदान, जदयू-राजद की जंग में जन सुराज का तड़का

इस्लामपुर (नालंदा दर्पण)। बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में इस्लामपुर विधानसभा क्षेत्र ने लोकतंत्र की मजबूती का शानदार उदाहरण पेश किया। कुल 13 उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर में मुख्य मुकाबला महागठबंधन समर्थित राजद के राकेश रौशन, एनडीए समर्थित जदयू के रुहैल रंजन और जन सुराज पार्टी की तनुजा कुमारी के बीच रहा।

मतदान के दिन महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों में जबरदस्त उत्साह देखा गया, जिसने करीब 62 प्रतिशत मतदान का नया रिकॉर्ड कायम किया। अब सभी की निगाहें मतगणना पर टिकी हैं, जहां ईवीएम में कैद भाग्य का फैसला होगा।

इस्लामपुर विधानसभा सीट इस बार ‘युवा बनाम विरासत’ की अनोखी लड़ाई का गवाह बनी। एक तरफ महागठबंधन के राजद प्रत्याशी राकेश रौशन हैं, जो पूर्व विधायक स्वर्गीय कृष्ण वल्लभ के पुत्र हैं। राकेश युवा चेहरे के रूप में विकास और रोजगार के मुद्दों पर जोर दे रहे हैं।

दूसरी ओर एनडीए के जदयू उम्मीदवार रुहैल रंजन, जो पूर्व विधायक राजीव रंजन के पुत्र हैं और परिवार की तीसरी पीढ़ी के रूप में मैदान में उतरे हैं। रुहैल स्थानीय मुद्दों जैसे सड़क, बिजली और सिंचाई पर फोकस कर रहे हैं।

तीसरे प्रमुख चेहरे जन सुराज पार्टी की तनुजा कुमारी हैं, जो महिलाओं के सशक्तिकरण और पारदर्शी शासन का वादा कर रही हैं। अन्य 10 निर्दलीय और छोटे दलों के उम्मीदवार भी मैदान में हैं, लेकिन मुख्य लड़ाई इन तीनों के इर्द-गिर्द घूमती दिखी।

चुनाव प्रचार के दौरान विकास बनाम अराजकता का मुद्दा प्रमुख रहा। राकेश रौशन ने हर परिवार को सरकारी नौकरी और जीविका दीदियों को ढाई लाख रुपये सालाना सहायता का आकर्षक वादा किया, जबकि रुहैल रंजन ने केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं की निरंतरता पर जोर दिया।

मतदान सुबह सात बजे शुरू होते ही केंद्रों पर मतदाताओं की भीड़ जुटने लगी। कई बूथों पर लोग घंटों पहले पहुंच गए थे। महिलाओं ने विशेष उत्साह दिखाया, जबकि युवा वोटरों ने सोशल मीडिया पर मतदान की तस्वीरें शेयर कर जागरूकता फैलाई। बुजुर्ग मतदाता व्हीलचेयर और सहारे से पहुंचे, जो लोकतंत्र की जीवंतता का प्रतीक बना।

मतदान की रफ्तार समय के साथ बढ़ती गई। सुबह नौ बजे तक 12.54 प्रतिशत मतदान हो चुका था, जो दोपहर एक बजे तक 42.44 प्रतिशत पहुंच गया। दोपहर तीन बजे तक यह आंकड़ा 53.59 प्रतिशत पर था और शाम तक कुल 62 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यह पिछले चुनावों की तुलना में काफी ऊंचा है, जो क्षेत्र में राजनीतिक जागरूकता की बढ़ती लहर को दर्शाता है।

चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाने के लिए प्रशासन ने कोई कसर नहीं छोड़ी। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए, जबकि पुलिस बल और पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई। वेबकास्टिंग की व्यवस्था से हर गतिविधि पर नजर रखी गई। किसी भी तरह की अनहोनी को रोकने के लिए माइक्रो ऑब्जर्वर और सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात रहे। नतीजतन पूरे दिन कोई बड़ी घटना नहीं हुई और मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ।

कुल 13 उम्मीदवारों का भाग्य अब ईवीएम में बंद है। निवर्तमान विधायक राकेश कुमार रौशन (राजद) अपनी सीट बचाने की कोशिश में हैं, जबकि रुहैल रंजन और तनुजा कुमारी नई उम्मीद जगाते दिखे। अन्य उम्मीदवारों ने भी स्थानीय मुद्दों पर वोट मांगे, लेकिन त्रिकोणीय मुकाबला ही चर्चा का केंद्र रहा।

इस्लामपुर के मतदाताओं ने इस चुनाव में न केवल उत्साह दिखाया, बल्कि लोकतंत्र को मजबूत करने का संदेश दिया। अब मतगणना के दिन का इंतजार है, जब यह साफ हो जाएगा कि युवा ऊर्जा विरासत पर भारी पड़ती है या पारिवारिक राजनीति फिर जीत दर्ज करती है।

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