बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिंद प्राथमिक सेवास्थ्य केन्द्र (पीएचसी) में मरीजों को निजी अस्पताल के संचालक द्वारा इलाज करने का मामला प्रकाश में आया है। पीएचसी में निजी अस्पताल के झोलाछाप आदमी के द्वारा इलाज करते वीडियो वायरल होते ही लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
लोग सरकारी अस्पताल कर्मियों का निजी अस्पताल के कर्मियों से मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं। अस्पताल में पदस्थापित डाक्टर पर मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने कि बात कह रहे हैं।
करीब 80 हजार की आबादी को समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने वाली पीएचसी में निजी अस्पताल के झोलाछाप डाक्टर द्वारा मरीजों को इलाज करने से लोगों में प्रबंधक के खिलाफ काफी आक्रोश है। लोग अस्पताल में स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता पर अंगुली उठा रहे हैं।
लोगों का कहना है कि अस्पताल में प्रसव के लिए आयी महिलाओं को कर्मी दिक्कत बताकर रेफर कर दिया जाता है। रेफर करते ही निजी अस्पताल संचालक मरीजों को बहला फुसलाकर अपने क्लीनिक में ले जाकर मरीजों का दोहन करते हैं।
यहां अस्पताल कर्मियों की मिलिभगत से निजी अस्पताल संचालक का धंधा काफी फल फूल रहा है। हालांकि चिकित्सा प्रभारी ने कुछ माह पहले निजी अस्पताल संचालकों को नोटिस भेजकर पंजीयन दिखाने को कहा गया था।
वहीं बिंद पीएचसी डॉ. उमाकांत प्रसाद का कहना है कि निजी अस्पताल के कर्मियों को पीएचसी में प्रवेश करने पर रोक लगा दिया गया है। मरीजों को इलाज करने के मामले की जांच की जाएगी। जांच में सही पाये जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
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