
हिलसा (नालंदा दर्पण)। चंडी थाना क्षेत्र में एक 19 वर्षीय युवती के अचानक लापता होने की घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। परिजनों के अनुसार युवती 12 सितंबर की दोपहर करीब 2 बजे बिना किसी को बताए घर से निकल गई। शुरुआत में परिवार ने इसे सामान्य समझा, लेकिन जब देर शाम तक वह वापस नहीं लौटी तो परेशानी बढ़ गई।
खोजबीन के दौरान पता चला कि युवती अपने साथ करीब आठ हजार रुपये नकद और एक सोने की चेन भी ले गई है। इस घटना ने न केवल परिवार को चिंता में डाल दिया है, बल्कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग और युवाओं पर इसका प्रभाव को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
परिजनों ने रिश्तेदारों और आसपास के इलाकों में युवती की खोज शुरू की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद परिवार ने युवती के मोबाइल फोन की चैट और गतिविधियों को खंगाला।
इस दौरान उन्हें पता चला कि वह इंस्टाग्राम पर एक युवक से लगातार बातचीत कर रही थी। परिजनों को शक है कि उसी युवक ने युवती को बहकाकर अपने साथ ले जाने की योजना बनाई होगी।
इस संदेह के आधार पर युवती के भाई ने चंडी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई। शिकायत में स्पष्ट किया गया कि युवती ने सोशल मीडिया पर बने रिश्ते के चलते घर छोड़ने का फैसला लिया होगा।
चंडी पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी है। थानाध्यक्ष के अनुसार प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और वैज्ञानिक अनुसंधान के साथ-साथ साइबर तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। पुलिस ने युवती के मोबाइल फोन और इंस्टाग्राम अकाउंट की डिटेल्स खंगालनी शुरू कर दी है।
मोबाइल लोकेशन डेटा और इंस्टाग्राम की चैट हिस्ट्री के आधार पर संदिग्ध युवक और युवती की लोकेशन का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस की टीमें संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं और तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से डिजिटल फुटप्रिंट्स का विश्लेषण किया जा रहा है।
थानाध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही युवती का पता लगा लिया जाएगा। इस तरह के मामलों में साइबर तकनीक और डिजिटल सबूत अहम भूमिका निभाते हैं। पुलिस ने संदिग्ध युवक की पहचान के लिए भी विशेष टीमें गठित की हैं, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और अन्य डिजिटल स्रोतों की गहन जांच कर रही हैं।
इस घटना ने चंडी गांव में तरह-तरह की चर्चाओं को जन्म दिया है। कई लोग इसे सोशल मीडिया पर बेरोकटोक दोस्ती और इसके खतरों से जोड़कर देख रहे हैं। बुजुर्गों का कहना है कि युवा पीढ़ी में सोशल मीडिया का बढ़ता चलन और माता-पिता की निगरानी में कमी इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा दे रही है।
कुछ लोग इस मामले को परिवारों में संवाद की कमी और बच्चों पर ध्यान न देने से भी जोड़ रहे हैं। आजकल बच्चे मोबाइल और सोशल मीडिया में इतने डूबे रहते हैं कि माता-पिता को पता ही नहीं चलता कि वे किसके संपर्क में हैं। इस तरह की घटनाएं हमें सतर्क करती हैं कि हमें अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए।
युवती के परिवार ने पुलिस से गुहार लगाई है कि उनकी बेटी को जल्द से जल्द सुरक्षित वापस लाया जाए। साथ ही उन्होंने उस युवक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, जिसे वे इस घटना का जिम्मेदार मान रहे हैं। परिवार का कहना है कि युवती भोली-भाली है और संभवतः किसी के बहकावे में आकर यह कदम उठा लिया।
यह घटना एक बार फिर सोशल मीडिया के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर बहस को जन्म दे रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि माता-पिता को अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए और उन्हें सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग के बारे में शिक्षित करना चाहिए। साथ ही स्कूलों और सामुदायिक संगठनों को भी डिजिटल साक्षरता और साइबर सुरक्षा पर जागरूकता कार्यक्रम चलाने चाहिए।









