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एक युवक को यूं जिंदा जलाया, आरोपी को भी जिंदा जलाने का प्रयास, पुलिस ने बताया हादसा !

आज अहले सुबह जिस वक्त संदीप के घर में आग लगी, उस वक्त संतोष मांझी भाग रहा था, उसे दबोच लिया लिया और उसके हाथ-पैर बाँध कर अपने कब्जे में ले लिया...

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हिलसा (नालंदा दर्पण)।  हिलसा थाना क्षेत्र से एक बड़ी हृदय विदारक घटना की खबर आ रही है। पोसंडा गांव के मुशहर टोली में अहले सुबह शराब के नशे में धुत एक युवक ने मछली मारने के दौरान हुई कथित विवाद के बाद अपने साथी युवक को जिंदा जलाकर मार डाला।

hilsa police crime hadsa 2हालांकि पुलिस के अनुसार युवक को किसी ने जला कर नहीं मारा है, बल्कि स्फूर्त अगलगी का शिकार हुआ है। इसीलिए यूडी केस दर्ज किया गया है। यह घटना हिलसा थाना के पोसंडा गांव के मुशहर टोली की है।

ग्रामीणों की मानें तो बीते कल संदीप मांझी नामक और संतोष मांझी नामक दो युवक के बीच एक पइन में साथ मछली मारने के दौरान किसी बात को लेकर विवाद हुआ और दोनों में आपसी मारपीट हुई।

लेकिन देर शाम दोनों में समझौता हो गया औऱ दोनों ने साथ मिल कर मछली भी खाई और खूब शराब भी पी। उसके बाद आज सुबह करीब चार बजे संदीप मांझी के फूसनुमा घर में अचनाक आग की लपटें दिखी। लोग जब वहां पहुंचे तो देखा कि पूरा घर जलकर राख हो गया है और उस घर में संदीप मांझी जलकर मृत पड़ा है।

ग्रमीणों के अनुसार आज अहले सुबह जिस वक्त संदीप के घर में आग लगी, उस वक्त संतोष मांझी भाग रहा था, उसे दबोच लिया लिया और उसके हाथ-पैर बाँध कर अपने कब्जे में ले लिया। कुछ लोग आरोपी युवक को भी पुआल की ढेर पर जिंदा जलाने की हरकत भिड़ा रहे थे। लेकिन मौके पर पहुंची हिलसा पुलिस ने उसे अपने कब्जे में ले लिया और बाद में उसे निर्दोष मानते हुए छोड़ दिया।

ग्रामीणों की मानें तो मौके पर धराए युवक ने पहले स्वीकार किया कि उसने आपसी रंजिश में संदीप का हाथ पैर बाँधकर घर में बंद किया और आग लगा दी। हालांकि कुछ ग्रामीण दबी जुबान से फूसनुमा घर में शराब चुलाने के दौरान भठ्ठी  के अचानक भभक जाने से हुई अगलगी भी बता रहे हैं।

इस संबंध में हिलसा थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद ने बताया कि संदीप मांझी को किसी ने जलाया नहीं है। फूस की झोपड़ी में आग तापने के दौरान खुद आग लगी है। इसीलिए आरोपी युवक को छोड़ दिया गया। लोग उसे यूं ही जेल भिजवाना चाह रहे थे।

ग्रामीणों के अनुसार संदीप मांझी पोसपूत था और बचपन से ही अपनी मौसी के घर रह रहा था, जिसकी सिर्फ बेटियाँ थी।

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