Saturday, March 1, 2025
अन्य

बिना ढोल बजाए नालंदा पहुंचे ACS सिद्धार्थ, शिक्षा व्यवस्था का दिखा आयना

ACS Siddharth reached Nalanda without beating drums, showed the mirror of the education system
ACS Siddharth reached Nalanda without beating drums, showed the mirror of the education system

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने नालंदा जिले के कई स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कई चौंकाने वाली स्थितियां सामने आईं, जिससे जिले की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। निरीक्षण के दौरान छात्रों की उपस्थिति, विद्यालय संचालन और मध्याह्न भोजन योजना की भी बारीकी से जांच की गई।

निरीक्षण के दौरान नूरसराय प्रखंड के गोविंदपुर बेलदारी गांव में अपर मुख्य सचिव को स्कूल के समय में दो छात्राएं बाहर घूमती मिलीं। उन्होंने तुरंत उनके स्कूल बैग की जांच की और स्कूल न जाने का कारण पूछा। इस पर छात्राओं ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसके बाद सचिव ने एक स्थानीय महिला को छात्राओं को स्कूल पहुंचाने का निर्देश दिया। ताकि जिससे बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके।

निरीक्षण के अगले चरण में बिहारशरीफ प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, लालबाग पहुंचे अपर मुख्य सचिव को एक और गंभीर लापरवाही का सामना करना पड़ा। स्कूल का मुख्य द्वार ताला बंद मिला, जिससे वहां की अव्यवस्था उजागर हुई। स्कूल की शिक्षिका की मदद से गेट खुलवाया गया।  जिसके बाद निरीक्षण किया गया। विद्यालय के प्रधानाध्यापक के अनुसार स्कूल में कुल 146 विद्यार्थी उपस्थित थे। विद्यालय में 10 शिक्षकों की तैनाती है। लेकिन जिनमें से दो शिक्षक इंटरमीडिएट परीक्षा में वीक्षक की ड्यूटी पर गए हुए थे।

अपर मुख्य सचिव ने दोनों विद्यालयों में कक्षाओं की स्थिति का जायजा लिया और शिक्षकों से छात्रों की पढ़ाई को लेकर सवाल किए। उन्होंने मध्याह्न भोजन योजना (मिड-डे मील) की गुणवत्ता की भी जांच की। निरीक्षण के दौरान खाने की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया गया। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्रों को पौष्टिक और उचित मात्रा में भोजन मिल रहा है।

अपर मुख्य सचिव के इस औचक निरीक्षण से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। जिले के विभिन्न स्कूलों की असल स्थिति सामने आने के बाद अब व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और सुदृढ़ बनाने के लिए इस तरह के निरीक्षण आगे भी जारी रहेंगे।

बहरहाल, यह निरीक्षण शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस तरह के औचक निरीक्षण शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने और गुणवत्ता सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। अपर मुख्य सचिव ने कुछ और स्कूलों का भी निरीक्षण किया है। उनके इस दौरे से स्पष्ट हो गया है कि शिक्षा विभाग को अपनी जिम्मेदारियों को अधिक गंभीरता से लेना होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

संबंधित खबर

error: Content is protected !!
ये हैं भारत के 15 विश्व प्रसिद्ध प्राचीन विश्वविद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय: प्राचीन इतिहास की नई शुरुआत 10 most beautiful actresses in the world : विश्व की 10 सबसे सुंदर अभिनेत्रियां जानें प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय से जुड़े अनसुलझे रहस्य