Home नालंदा राजगीर में बनेगा एक और ग्लास ब्रिज व डायनासोर पार्क, साउंड लाइट...

राजगीर में बनेगा एक और ग्लास ब्रिज व डायनासोर पार्क, साउंड लाइट सिस्टम से लैस होगा वेणुवन

0
Another glass bridge and dinosaur park will be built in Rajgir, Venuvan will be equipped with sound light system
Another glass bridge and dinosaur park will be built in Rajgir, Venuvan will be equipped with sound light system

राजगीर (नालंदा दर्पण)। हर साल पर्यटकों में हो रही गुणात्मक वृद्धि और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्यटक शहर राजगीर में एक और ग्लास ब्रिज तथा डायनासोर पार्क का निर्माण कराया जाएगा। इसके अलावा एडमिन ब्लॉक, इक्कों रिसोर्स, ट्वॉय ट्रेन आदि का निर्माण कार्य चालू वित्तीय वर्ष में ही आरंभ किया जायेगा। भगवान बुद्ध के वास स्थल वेणुवन में आर्ट गैलरी और ध्वनि एवं प्रकाश सिस्टम का निर्माण किया जायेगा। इन योजनाओं के लिए धन आवंटित किया जा चुका है।

नेचर सफारी, ग्लास ब्रिज, जू सफारी आदि का भ्रमण और मुआयना करने के बाद पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने ने कहा कि देश-दुनिया में मौसम तेजी से बदल रहा है। इससे जलवायु परिवर्तन साथ प्रभावित हो रहा है। मौसम और जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण के लिए सूबे में पांच करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य चालू वित्तीय वर्ष में निर्धारित किया गया है।

उन्होंने बताया कि सूबे के 38 जिलों में अलग अलग लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पहाड़ी क्षेत्र जैसे राजगीर, गया, नवादा, औरंगाबाद, जहानाबाद में पौधारोपण के साथ सीड बॉल का इस्तेमाल किया जाएगा। सीड बॉल डालने के लिए गुलेल, ड्रोन और हेलिकॉप्टर की मदद ली जायेगी।

मंत्री ने कहा कि मौसम परिवर्तन सरकार और समाज दोनों के लिए चुनौती है। इसका डटकर मुकाबला किया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए योजना तैयार की गयी है। उस योजना को बिहार में धरातल पर हर हाल में उतारने का काम किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि बिहार से झारखंड का बंटवारा होने के बाद बिहार में मात्र सात फीसदी वनाच्छादित क्षेत्र था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कृषि रोड मैप तैयार किया गया। उसमें 12 विभागों को शामिल किया गया। सूबे में बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया गया।

फलस्वरुप वर्तमान समय में 14 फीसदी वनाच्छादित क्षेत्र बिहार में है। 17 प्रतिशत वनाच्छादित क्षेत्र लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार और वन विभाग लगातार काम कर रहा है। पहाड़ियों पर एक लाख पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

राजगीर में वन विभाग द्वारा इस वर्ष नौ लाख 72 हजार पौधारोपण का लक्ष्य है। पिछले साल यह लक्ष्य आठ लाख, 82 हजार था। जीविका दीदी द्वारा दो लाख 88 हजार, मनरेगा द्वारा चार लाख, 88 हजार, सरकारी भूमि पर 12 लाख 500, स्कूल-कॉलेज में 20 हजार 500 पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

उन्होंने बताया कि नेचर सफारी परिसर में ही दूसरा गिलास ब्रिज का निर्माण कराया जाएगा। इसके निर्माण पर 13 करोड़ केंद्र से एनओसी प्राप्त 83 लाख रुपए व्यय होंगे।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा नेचर सफारी और ग्लास ब्रिज का निर्माण कराने के बाद देश और दुनिया के पर्यटक इतनी बड़ी संख्या में राजगीर आ रहे हैं कि उनकी इच्छाओं की पूर्ति एक गिलास ब्रिज से नहीं हो रही है। इसलिए सरकार ने दूसरा ग्लास ब्रिज निर्माण का निर्णय लिया है। इस ग्लास ब्रिज का निर्माण इसी वित्तीय साल में आरंभ किया जाएगा

पांच करोड़ से होगा पथ निर्माण कार्य: राजगीर के रोपवे से घोड़ाकटोरा और जेठियन से नेचर सफारी तक जाने वाले पथ का निर्माण पांच करोड़ की लागत से कराया जायेगा। मंत्री ने कहा कि ये दोनों सड़क की हालत अच्छी नहीं है। पर्यटकों को आवागमन में असुविधा का सामना करना पड़ता है।

मंत्री ने कहा कि राजगीर की पंच पहाड़ियों को वनाच्छादित करने के लिए छायादार और फलदार पौधारोपण किया जायेगा। पहाड़ियों पर बरगद, पीपल, नीम, बांज, जामुन, आम, गुलड़ आदि वृक्षों के लिए पौधारोपण किया जायेगा।

19 करोड़ से बनेगा डायनासोर पार्कः देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सूबे का पहला डायनासोर पार्क राजगीर में बनाया जाएगा। इसके निर्माण पर करीब 19 करोड़ रुपये व्यय होंगे। तब पर्यटकों के मनोरंजन की जरूरत पूरी हो सकेगी।

वेणुवन में लगेगा ध्वनि एवं प्रकाश सिस्टमः ऐतिहासिक वेणुवन में आर्ट गैलरी और ध्वनि एवं प्रकाश सिस्टम का निर्माण किया जायेगा। इस योजना पर 1980।00 लाख रुपये खर्च होंगे। लेजर शो के माध्यम से भगवान बुद्ध के जीवन दर्शन से सैलानियों को अवगत कराया जायेगा। ध्वनि एवं प्रकाश सिस्टम का निर्माण कार्य इसी वर्ष पूरा करा लिया जायेगा।

केन्द्र से एनओसी प्राप्त कर जल्द होगा निर्माण कार्य पूराः मगध सम्राट जरासंध की राजधानी राजगीर में जरासंध स्मारक का निर्माण राज्य सरकार द्वारा 13 करोड़ 83 लाख की लागत से कराया जा रहा है।

वहां महाराज जरासंध की आदमकद प्रतिमा स्थापित की जायगी। प्रतिमा का निर्माण पुणे में कराया जा रहा है। स्मारक परिसर में म्यूजियम का भी निर्माण होना है, जिसमें जरासंध की शौर्य गाथाओं आदि का संयोजन किया जाएगा।

फिलहाल तकनीकी कारणों से स्मारक का निर्माण कार्य ठप है। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा कराया जाएगा।

 विम्स पावापुरी में चिकित्साकर्मियों के साथ मारपीट, देखें X पर वायरल वीडियो

नालंदा पुरातत्व संग्रहालय: जहां देखें जाते हैं दुनिया के सबसे अधिक पुरावशेष

राजगीर अंचल कार्यालय में कमाई का जरिया बना परिमार्जन, जान बूझकर होता है छेड़छाड़

राजगीर में बनेगा आधुनिक तकनीक से लैस भव्य संग्रहालय

कहीं पेयजल की बूंद नसीब नहीं तो कहीं नाली और सड़क पर बह रही गंगा

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

error: Content is protected !!
Exit mobile version