राजगीर में दो और वैशाली में एक फाइव स्टार होटल रिसॉर्ट की मंजूरी

राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार के पर्यटन क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज आयोजित मंत्रिपरिषद् की बैठक में राज्य पर्यटन विभाग की एक महत्वपूर्ण और दूरदर्शी योजना को हरी झंडी दिखाई गई है।
इस योजना के तहत नालंदा जिले के ऐतिहासिक शहर राजगीर में दो पाँच सितारा होटल और वैशाली जिले में एक पाँच सितारा रिसॉर्ट के निर्माण और संचालन को जन-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत मंजूरी दी गई है। यह परियोजना आधारभूत संरचना विकास सामर्थ्यकारी (इनेबलिंग) संशोधन अधिनियम 2023 के प्रावधानों के अनुरूप लागू की जाएगी।
बिहार अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के लिए विश्वविख्यात है। नालंदा का राजगीर प्राचीन काल में मगध साम्राज्य की राजधानी रहा और भगवान बुद्ध के जीवन से गहराई से जुड़ा हुआ है। पहले से ही यह पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है।
इसी तरह वैशाली में भगवान महावीर का जन्म हुआ और बौद्ध धर्म के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विश्व पर्यटन मानचित्र पर अपनी विशेष पहचान रखता है। इन स्थानों पर पाँच सितारा होटल और रिसॉर्ट के निर्माण से न केवल पर्यटकों की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिलेगी।
राज्य सरकार का यह कदम बिहार को एक आधुनिक और विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। पीपीपी मॉडल के तहत निजी क्षेत्र की भागीदारी से न केवल उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएँ सुनिश्चित होंगी, बल्कि परियोजनाओं का संचालन भी अधिक कुशल और टिकाऊ होगा।
पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि राजगीर में इस तरह की परियोजनाएँ बिहार के पर्यटन क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएँगी। साथ ही यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, गर्म पानी के झरने और ऐतिहासिक स्थल पर्यटकों को एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करेंगे।
वैशाली में प्रस्तावित पाँच सितारा रिसॉर्ट न केवल पर्यटकों के लिए एक शानदार ठहरने का स्थान होगा, बल्कि यह बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण आकर्षण बनेगा। वैशाली विश्व की पहली गणतांत्रिक व्यवस्था का उद्गम स्थल माना जाता है।
इस रिसॉर्ट के निर्माण से एक आधुनिक पर्यटन केंद्र के रूप में उभरेगा। यहाँ आने वाले पर्यटक अशोक स्तंभ, बुद्ध स्तूप और अन्य ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करने के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं का भी आनंद ले सकेंगे।
इन परियोजनाओं से नालंदा और वैशाली के स्थानीय समुदाय को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा। होटल और रिसॉर्ट के निर्माण और संचालन से सैकड़ों लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इसके अलावा स्थानीय हस्तशिल्प, खानपान और पर्यटन से संबंधित अन्य व्यवसायों को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार का यह प्रयास ग्रामीण और शहरी अर्थव्यवस्था के बीच की खाई को पाटने में भी मदद करेगा।
आधारभूत संरचना विकास सामर्थ्यकारी (इनेबलिंग) संशोधन अधिनियम 2023 के तहत इन परियोजनाओं को लागू करना बिहार सरकार की पारदर्शी और टिकाऊ विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पीपीपी मॉडल के माध्यम से निजी क्षेत्र की विशेषज्ञता और निवेश को शामिल करके सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि ये परियोजनाएँ समयबद्ध तरीके से पूरी हों और उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएँ प्रदान करें।
यह योजना न केवल बिहार के पर्यटन क्षेत्र को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकती है, बल्कि यह राज्य को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर और अधिक मजबूती से स्थापित करेगी। राजगीर और वैशाली जैसे ऐतिहासिक स्थलों को आधुनिक सुविधाओं के साथ जोड़कर बिहार सरकार न केवल पर्यटकों को आकर्षित कर रही है, बल्कि अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को भी संरक्षित और प्रचारित कर रही है।









