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जदयू का अजेय गढ़ बना रहा अस्थावां, 40.7 हजार मतों से जीते जितेन्द्र कुमार

अस्थावां (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले की अस्थावां विधानसभा सीट एक बार फिर जदयू के लिए अभेद्य किला साबित हुई। नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा की इस ग्रामीण सीट पर जदयू के दिग्गज नेता जितेन्द्र कुमार ने राजद के रवि रंजन कुमार को 40,708 मतों के विशाल अंतर से धूल चटाई। जितेन्द्र कुमार को कुल 90,542 मत मिले, जबकि राजद उम्मीदवार रवि रंजन कुमार को मात्र 49,834 मतों से संतोष करना पड़ा। इस हॉट सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की बेटी लता सिंह, जो जनसुराज पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरी थीं, महज 15,962 मत ही जुटा सकीं और तीसरे स्थान पर रहीं।

चुनावी मुकाबला शुरू से ही रोमांचक रहा। जदयू के जितेन्द्र कुमार और राजद के रवि रंजन कुमार के बीच सीधी टक्कर थी, लेकिन लता सिंह की एंट्री ने इसे त्रिकोणीय बनाकर हॉट सीटों की फेहरिस्त में शामिल कर दिया। शुरुआती रुझानों में जितेन्द्र कुमार ने 3,402 मतों के साथ बढ़त बनाई, राजद के रवि रंजन 1,821 मतों के साथ दूसरे और लता सिंह तीसरे स्थान पर थीं। जैसे-जैसे मतगणना आगे बढ़ी, जितेन्द्र की लहर ने सभी को पीछे छोड़ दिया।

अस्थावां विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई थी और यह नालंदा लोकसभा सीट के सात विधानसभा क्षेत्रों में से एक हैं। पूरी तरह ग्रामीण इलाका होने के कारण यहां कोई शहरी मतदाता नहीं हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का राजनीतिक प्रभाव यहां साफ झलकता हैं। 2001 के बाद से जदयू (पहले समता पार्टी) ने इस सीट पर लगातार छह जीत दर्ज की हैं। जितेन्द्र कुमार खुद 2005 से चुनावी मैदान में हैं और अब तक पांच बार विजयी रहे। उनके पिता अयोध्या प्रसाद ने 1972 और 1980 में कांग्रेस टिकट पर यहां जीत हासिल की थी।

पिछले चुनावों की बात करें तो 2020 में जितेन्द्र ने राजद के अनिल कुमार को 11,600 मतों से हराया। 2015 में लोजपा के छोटेलाल यादव को 10,444, 2010 में लोजपा के कपिलदेव प्रसाद सिंह को 19,570 और 2005 में 15,486 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। इस बार की जीत ने उनके अजेय रिकॉर्ड को और मजबूत कर दिया। नीतीश के गढ़ में जदयू की यह लगातार सातवीं जीत हैं, जो पार्टी की जड़ों की गहराई को दर्शाती हैं। अस्थावां की जनता ने एक बार फिर विकास और स्थिरता पर मुहर लगाई।

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