राजगीर में बांग्लादेशी पर्यटकों का गुप्त ठहराव, ग्लोरी ग्रैंड होटल पर गाज

राजगीर (नालंदा दर्पण)। पर्यटन नगरी राजगीर की चमक-दमक वाली होटलों में विदेशी मेहमानों का स्वागत तो आम है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक छोटी सी लापरवाही कैसे पूरे कारोबार को मुश्किल में डाल सकती है? जी हां, ठीक यही हुआ है राजगीर-इस्लामपुर मुख्य मार्ग पर स्थित ग्लोरी ग्रैंड होटल के साथ। बांग्लादेश से आए दो पर्यटकों को बिना किसी सूचना के ठहराने और आवश्यक लाइसेंस के अभाव में होटल के मालिक प्रदीप कुमार और प्रबंधक रंजीत कुमार के खिलाफ राजगीर थाने में FIR दर्ज हो गई है। यह मामला न केवल होटल उद्योग के लिए एक चेतावनी है, बल्कि विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा और नियमों की पालना पर भी सवाल खड़े करता है।

19 सितंबर की देर रात जब राजगीर शहर की सड़कें शांत हो चुकी थीं, पुलिस की एक विशेष टीम ने शहर के विभिन्न होटलों, गेस्ट हाउस और लॉज में सघन चेकिंग अभियान चलाया। इस अभियान का मकसद था विदेशी पर्यटकों की निगरानी और सुरक्षा सुनिश्चित करना। इसी क्रम में ग्लोरी ग्रैंड होटल के रजिस्टर और अभिलेखों की जांच की गई तो एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया।

होटल प्रबंधन ने बांग्लादेश के दो नागरिकों  मो. जसीम उद्दीन (पिता: यूसुफ अली, पता: मकान नं. 35, फ्लैट नं. 83, रोड 114, गुलशन-1212, ढाका) और फातिमा अभिनेता (पिता: हरुनूर रशीद, पता: मोहनपुर, चंदिना, ब्रेकोइट-3510, क्यूमिल्ला) को 13 सितंबर को कमरा नंबर 102 में ठहराया था। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इसकी कोई सूचना स्थानीय थाने को नहीं दी गई थी।

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि इससे पहले, 28 से 30 अगस्त तक उसी कमरे में एक अन्य बांग्लादेशी नागरिक मो. अशरफुल काबिया ठहरे थे। इन सभी मामलों में होटल प्रबंधन ने न केवल थाने को सूचित किया, बल्कि विदेशी पर्यटकों को ठहराने के लिए अनिवार्य ‘सी फॉर्म’ लाइसेंस भी प्राप्त नहीं किया था। परिणामस्वरूप, होटल का पूरा रजिस्टर जब्त कर लिया गया है।

हालांकि राजगीर जैसे पर्यटन स्थलों पर विदेशी पर्यटकों का आगमन कोई नई बात नहीं है। बौद्ध और जैन तीर्थों की वजह से यहां सालाना हजारों पर्यटक आते हैं, जिनमें बांग्लादेश से आने वाले भी शामिल हैं। लेकिन भारतीय कानून के तहत किसी भी होटल, गेस्ट हाउस या लॉज को विदेशी नागरिक को ठहराने के लिए ‘सी फॉर्म’ लाइसेंस लेना अनिवार्य है। यह लाइसेंस विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा, पहचान सत्यापन और संभावित खतरों से निपटने के लिए जारी किया जाता है।

पुलिस के अनुसार विदेशी पर्यटक के आगमन की सूचना 24 घंटे के अंदर ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से थाने को देना जरूरी है। ग्लोरी ग्रैंड होटल ने न तो लाइसेंस लिया और न ही सूचना दी, जो गंभीर उल्लंघन है। यह नियम सभी होटलों पर लागू होता है, चाहे वे कितने भी छोटे-बड़े क्यों न हों। उल्लंघन करने पर एफआइआर के अलावा जुर्माना और लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई भी हो सकती है।

यह घटना राजगीर के होटल व्यवसायियों के लिए एक बड़ा सबक है। पर्यटन सेक्टर में विदेशी मेहमानों का स्वागत न केवल आय का स्रोत है, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान का माध्यम भी। लेकिन नियमों की अनदेखी से नुकसान ही होता है। ग्लोरी ग्रैंड होटल शहर के प्रमुख होटलों में शुमार है, अब इस मामले में फंस गया है। प्रबंधन की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं पर्यटन विभाग को और सतर्क करने पर मजबूर कर देंगी।

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