बिहार बदलाव यात्राः नालंदा में उमड़ा जनसैलाब, नीतीश-मोदी पर गरजे प्रशांत किशोर

हिलसा (नालंदा दर्पण)। बिहार में संपूर्ण क्रांति और व्यवस्था परिवर्तन के मकसद से शुरू की गई बिहार बदलाव यात्रा के तहत जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने आज नालंदा और नवादा के एक दिवसीय दौरे पर जनता के बीच जोरदार उपस्थिति दर्ज की।

नालंदा पहुंचते ही प्रशांत किशोर का स्वागत ढोल-नगाड़ों और फूल-मालाओं के साथ हुआ। उनके समर्थकों की भारी भीड़ और गाड़ियों का लंबा काफिला उनके पीछे देखा गया, जो उनके बढ़ते जनाधार को दर्शाता है।
प्रशांत किशोर ने नालंदा जिले के एकंगरसराय स्थित श्री सुखदेव हाई स्कूल ग्राउंड में आयोजित बिहार बदलाव सभा को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने बिहार की बदहाल स्थिति पर तीखा प्रहार किया।
उन्होंने कहा, “मैं पिछले तीन सालों से बिहार के गांव-गांव घूम रहा हूं। मैंने देखा है कि बिहार के बच्चों के शरीर पर सूती कपड़े और पैरों में चप्पल तक नहीं हैं। आपको अपने बच्चों की चिंता करनी होगी, क्योंकि कोई नेता आपके बच्चों की चिंता नहीं करेगा।”
उन्होंने लालू प्रसाद यादव का उदाहरण देते हुए कहा, “लालू जी से सीखिए कि बच्चों की चिंता क्या होती है। उनका बेटा 9वीं पास भी नहीं है, फिर भी वे चाहते हैं कि वह राजा बने। दूसरी ओर बिहार के लोग जिनके बच्चे मैट्रिक, बीए, एमए तक पढ़ चुके हैं, उन्हें नौकरी नहीं मिल रही।”
प्रशांत किशोर ने जनता से अपील की कि इस बार वोट लालू, नीतीश या मोदी के लिए नहीं, बल्कि बिहार में बदलाव और अपने बच्चों की शिक्षा व रोजगार के लिए देना चाहिए।
उन्होंने कहा, “अगली बार नेताओं का चेहरा देखकर वोट न करें। अपने बच्चों के चेहरे को देखकर वोट करें। बिहार में जनता का राज स्थापित करने के लिए उन नेताओं को वोट न दें, जो आपको और आपके बच्चों को लूटते हैं।”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में प्रशांत किशोर की सभा में जनता ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। जब उन्होंने पूछा कि क्या लोग नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं या उन्हें ‘बाय-बाय’ कहना चाहते हैं तो हजारों लोगों ने एक स्वर में हाथ उठाकर कहा कि इस बार नीतीश कुमार को ‘बाय-बाय’ करना है।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नीतीश कुमार के लिए वोट मांगने आएं तो भी उन्हें वोट नहीं देना चाहिए।
प्रशांत किशोर ने पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि बिहार के लोगों का वोट है, इसलिए फैक्ट्रियां भी बिहार में लगनी चाहिए।
जब उन्होंने जनता से पूछा कि फैक्ट्री गुजरात में लगे या बिहार में तो लोगों ने एक स्वर में जवाब दिया, “फैक्ट्री अब गुजरात में नहीं, बिहार में लगनी चाहिए।”
जनसभा में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। सुबह से ही युवा और महिलाएं सभा स्थल पर पहुंचने लगे थे। प्रशांत किशोर को सुनने के लिए लोगों में गजब का उत्साह देखा गया। पार्टी के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्हें शाल ओढ़ाकर और माला पहनाकर सम्मानित किया।

प्रशांत किशोर ने अपने संबोधन में बार-बार जोर दिया कि बिहार में अब लालू, नीतीश या मोदी का राज नहीं, बल्कि जनता का राज स्थापित होना चाहिए। उन्होंने बिहार की जनता से अपील की कि वे व्यवस्था परिवर्तन के लिए एकजुट हों और अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सही नेतृत्व को चुनें।









