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Bihar Education Department big action: बंद होंगे बिना निबंधन वाले नीजि स्कूल, 15 तक मौका

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Bihar Education Department's big action: Unregistered private schools will be closed, time till 15th

नालंदा दर्पण डेस्क। Bihar Education Department big action: बिहार राज्य में शिक्षा का अधिकार कानून के तहत प्राइवेट स्कूलों का निबंधन (प्रस्वीकृति) अनिवार्य है। निबंधन नहीं कराने पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना जुर्माने के साथ ही ऐसे स्कूल बंद किये जायेंगे।

तकरीबन 24 हजार प्राइवेट स्कूल ऐसे हैं, जिन्होंने अब तक अपना निबंधन नहीं कराया है। हालांकि ऐसे स्कूलों को निबंधन के लिए 15 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन का मौका दिया गया है। सिर्फ अल्पसंख्यक एवं धर्म आधारित प्राइवेट स्कूलों को ही इससे छूट है।

प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र के अनुसार शिक्षा का अधिकार का कानून के तहत धार्मिक एवं भाषा आधारित प्राइवेट स्कूलों को छोड़ बाकी सभी प्राइवेट स्कूलों के निबंधन की अनिवार्यता है। ऐसे 12 हजार स्कूल राज्य में अब तक रजिस्टर्ड हैं।

इन स्कूलों में 1 ली कक्षा में 25 फीसदी सीटों पर हर साल अलाभकारी समूह एवं कमजोर वर्ग के वैसे बच्चों की निःशुल्क शिक्षा का प्रावधान है, जिनके अभिभावक की वार्षिक एक लाख रुपये तक है। इस राशि की भरपायी संबंधित प्राइवेट स्कूलों को राज्य सरकार द्वारा की जाती है।

पहली कक्षा में दाखिला लेने वाले ऐसे बच्चों की 8वीं कक्षा तक निःशुल्क शिक्षा का प्रावधान है। प्रतिपूर्ति के रूप में प्रति बच्चा प्रति वर्ष 11 हजार रुपये की राशि संबंधित स्कूलों को उपलब्ध करायी जाती है। इस राशि में 60 फीसदी हिस्सा केंद्र का होता है। बाकी 40 फीसदी राशि राज्य सरकार देती है।

दो अगस्त को अपराह्न तीन बजे नामांकन के लिए स्कूल आवंटित किये जायेंगे। नामांकन के लिए चयनित बच्चों का सत्यापन एवं स्कूल में प्रवेश तीन अगस्त से शुरू होकर 10 अगस्त तक चलेगा। इस बाबत राज्य के जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (प्रारंभिक शिक्षा एवं एसएसए) को निर्देश दिये गये हैं।

एक सवाल के जवाब में प्राथमिक शिक्षा निदेशक श्री मिश्र ने बताया कि निबंधन (प्रस्वीकृति) के बाद प्राइवेट स्कूलों को 1ली से 8वीं कक्षा तक के बच्चों को टी. सी. (स्थानांतरण प्रमाणपत्र) देने का अधिकार मिल जाता है। निबंधन (प्रस्वीकृति) नहीं होने की स्थिति में इन स्कूलों के बच्चों को केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय एवं सैनिक स्कूल में दाखिले से भी वंचित होना पड़ता है।

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