Home अपराध राजगीर खेल अकादमी सह क्रिकेट स्टेडियम में बंपर बहाली की प्रक्रिया शुरू

राजगीर खेल अकादमी सह क्रिकेट स्टेडियम में बंपर बहाली की प्रक्रिया शुरू

Bumper restoration process started in Rajgir Sports Academy cum Cricket Stadium
Bumper restoration process started in Rajgir Sports Academy cum Cricket Stadium

राजगीर (नालंदा दर्पण)। राजगीर खेल अकादमी सह क्रिकेट स्टेडियम में विभिन्न खेलों के प्रशिक्षण के लिए 103 कोचों की बहाली के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। बिहार राज्य खेल प्राधिकार ने 25 विभिन्न खेलों के लिए इस भर्ती की प्रक्रिया शुरू की है। जोकि 03 अक्टूबर से शुरू होकर 14 नवंबर तक चलेगी।

कोचों की बहाली अनुबंध के आधार पर की जाएगी, जिसमें एक कोच का मासिक मानदेय 50,000 रुपये होगा। इस वैकेंसी में सबसे अधिक 15 कोचों की आवश्यकता एथलेटिक्स के लिए है। अन्य खेलों के लिए भी कोचों की संख्या निश्चित की गई है। जैसे- पारा एथलेटिक्स, भारोत्तोलन, मुक्केबाजी और कबड्डी के लिए 6-6 कोच, जबकि बैडमिंटन, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, रग्बी, हॉकी, साइक्लिंग, आर्चरी, चेस और फेंसिंग के लिए 4-4 कोच की बहाली होगी।

वहीं टेबल टेनिस, सेपाक टकराव, और स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग के लिए 3-3 कोचों की आवश्यकता है, जबकि बॉक्सिंग, ताइक्वांडो, वाटर स्पोर्ट्स, स्विमिंग और शूटिंग के लिए 2-2 कोच और पारा स्वीमिंग के लिए 1 कोच की बहाली की जाएगी।

योग्यता और चयन प्रक्रियाः कोच बनने के लिए अभ्यर्थियों को द्रोणाचार्य, ध्यानचंद खेल रत्न या अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित होना आवश्यक है। इसके अलावा भारतीय खेल प्राधिकार, नेताजी सुभाष राष्ट्रीय खेल संस्थान या किसी अन्य मान्यता प्राप्त संस्थान से कोचिंग में डिप्लोमा धारित होना चाहिए।

अभ्यर्थियों के पास भारतीय या विदेशी विश्वविद्यालय से न्यूनतम एक वर्ष का कोचिंग अनुभव होना चाहिए। ओलंपिक, पैरालंपिक या एशियाई प्रतियोगिताओं में एक वर्ष का कोचिंग अनुभव रखने वाले तथा सीनियर राष्ट्रीय खेल या चैंपियनशिप में कम से कम दो वर्षों का अनुभव रखने वाले अभ्यर्थी ही इस पद के लिए योग्य माने जाएंगे।

चयनित कोचों का अनुबंध 12 महीने के लिए होगा और यदि उनका प्रदर्शन संतोषजनक रहा, तो उनकी सेवा का विस्तार किया जा सकता है। चयनित कोचों को प्रशिक्षण के तौर-तरीकों सहित सभी मालिकाना जानकारियों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी होगी।

इस भर्ती प्रक्रिया से खेल क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार होगा और स्थानीय खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए योग्य कोच उपलब्ध होंगे, जिससे बिहार में खेल प्रतिभा को निखारने का अवसर मिलेगा।

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