
इस्लामपुर (नालंदा दर्पण डेस्क)। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियां चरम पर हैं, लेकिन इससे पहले ही आचार संहिता के उल्लंघनों की खबरें सुर्खियां बटोर रही हैं। इस्लामपुर अनुमंडल में जनता दल (यूनाइटेड) की एक रैली के दौरान चुनावी नियमों का पालन न करने का मामला सामने आया है। अंचलाधिकारी किशोरी चौधरी ने इस घटना की वीडियोग्राफी कराई और स्थानीय थाना को प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई है। यह घटना पार्टी के निर्वाचन अभिकर्ता रामकृष्णा सिंह पर केंद्रित है, जिन्होंने रैली की अनुमति ली थी।
जानकारी के अनुसार JD(U) के निर्वाचन अभिकर्ता रामकृष्णा सिंह पिता राजेश्वर सिंह ग्राम कादिलपुर थाना तेल्हाड़ा जिला नालंदा ने इस्लामपुर के एकल खिड़की कोपांग 174 के माध्यम से 3 नवंबर 2025 को रैली निकालने की अनुमति प्राप्त की थी। अनुमति पत्र के तहत 4 नवंबर 2025 को इस्लामपुर में पार्टी की रैली आयोजित की जानी थी। हालांकि, रैली के दौरान दोपहर करीब 3 बजे स्थानीय प्रशासन ने पाया कि आयोजकों ने अनुमति से कहीं अधिक वाहनों का उपयोग किया।
अंचलाधिकारी किशोरी चौधरी (पिता: स्व. फैल चौधरी मूल निवासी ग्राम धुलिया थाना मगध मेडिकल कॉलेज जिला गया) ने अपनी शिकायत में स्पष्ट उल्लेख किया है कि रैली में लगभग 100 से अधिक वाहनों का उपयोग किया गया, जबकि अनुमति में इससे काफी कम वाहनों की छूट थी।
इसके अलावा अतिरिक्त वाहनों पर पार्टी के झंडे और स्टिकर चिपकाए गए थे, जो आदर्श आचार संहिता (मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट) का स्पष्ट उल्लंघन है। आचार संहिता के अनुसार, चुनावी आयोजनों में वाहनों और प्रचार सामग्री का उपयोग पूर्व अनुमति के दायरे में ही सीमित रहना चाहिए, ताकि सार्वजनिक संसाधनों का दुरुपयोग न हो।
चौधरी ने बताया है कि इस उल्लंघन की वीडियोग्राफी स्थानीय फ्लाइंग स्क्वायड टीम (FST) और दंडाधिकारी की देखरेख में कराई गई है। शिकायत पत्र के अंत में वीडियोग्राफी की सीडी को अनुलग्नक के रूप में संलग्न किया गया है, जो जांच में महत्वपूर्ण साक्ष्य साबित हो सकती है।
उन्होंने थानाध्यक्ष, इस्लामपुर थाना को पत्र लिखकर रामकृष्णा सिंह के खिलाफ सुसंगत धाराओं (जैसे कि भारतीय दंड संहिता की धारा 188 – सार्वजनिक सेवक द्वारा आदेश की अवज्ञा) में तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया।
बता दें कि यह घटना बिहार चुनाव 2025 के संदर्भ में बेहद संवेदनशील है, जहां सभी पार्टियां प्रचार अभियान को तेज करने में जुटी हैं। JDU, जो बिहार की सत्तारूढ़ NDA गठबंधन का प्रमुख घटक है, इस तरह के आरोपों से राजनीतिक रूप से असहज स्थिति में आ सकती है। विपक्षी दल खासकर RJD और कांग्रेस अक्सर सत्ताधारी दलों पर आचार संहिता उल्लंघन के आरोप लगाते रहे हैं। हालांकि JDU की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
अंचलाधिकारी चौधरी ने पत्र में लिखा है कि यह उल्लंघन न केवल चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता को प्रभावित करता है, बल्कि लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर भी करता है। चुनाव आयोग की टीमें पहले से ही सक्रिय हैं और यह मामला निर्वाचन आयोग के संज्ञान में भी लाया जा सकता है।
इस्लामपुर थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है। थानाध्यक्ष ने पुष्टि की कि वीडियो साक्ष्य की जांच की जा रही है और जल्द ही उचित कार्रवाई की जाएगी।









