
चंडी (नालंदा दर्पण)। ‘कारवां गुजर गया, हम गुब्बार देखते रहे… गीतकार नीरज की यह पंक्ति नालंदा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, चंडी में हाल की घटना पर सटीक बैठती है। बुधवार देर रात एक छात्रा की कथित आत्महत्या के बाद भड़के छात्रों के गुस्से ने कॉलेज परिसर को बर्बादी के हवाले कर दिया। इस घटना की गंभीरता का जायजा लेने के लिए आज गुरुवार को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त सचिव मंजीत कुमार चंडी पहुंचे। उन्होंने कॉलेज प्रशासन के साथ घटनास्थल का दौरा किया और आगजनी व तोड़फोड़ से हुए नुकसान का आकलन किया।

बता दें कि बुधवार देर रात नालंदा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में एक छात्रा की कथित आत्महत्या की खबर ने परिसर में आक्रोश की आग भड़का दी। गुस्साए छात्रों की भीड़ ने कॉलेज के विभिन्न हिस्सों में जमकर उत्पात मचाया। कॉलेज के लैब, बिजली बोर्ड, फर्नीचर, खिड़कियां,और दरवाजों को निशाना बनाया गया। कई चारपहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। जिसमें विधि व्यवस्था डीएसपी के वाहन के शीशे भी तोड़े गए। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार इस तोड़फोड़ और आगजनी से कॉलेज की करोड़ों रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त सचिव मंजीत कुमार ने घटना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत चंडी का दौरा किया। उन्होंने कॉलेज प्रशासन के साथ मिलकर परिसर का निरीक्षण किया और क्षतिग्रस्त लैब, भवनों और वाहनों का जायजा लिया।
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी और दुखद घटना है। कॉलेज प्रशासन नुकसान का आकलन कर रहा है और अनुमान है कि करोड़ों रुपये की संपत्ति को क्षति पहुंची है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि घटना के कारणों की जांच पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है। दोषी छात्रों के खिलाफ कॉलेज और विभाग दोनों मिलकर उचित कार्रवाई करेंगे।

कॉलेज प्रशासन ने इस घटना को अत्यंत गंभीर बताया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि छात्रों के गुस्से का कारण एक छात्रा की कथित आत्महत्या थी, जिसके बाद स्थिति अनियंत्रित हो गई। प्रशासन ने नुकसान के आकलन के लिए एक समिति गठित की है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके साथ ही परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने की योजना बनाई जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
घटना के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है। कई छात्रों को हिरासत में लिया गया है और मामले की गहन जांच की जा रही है। जिला प्रशासन ने भी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। डीएसपी के वाहन को नुकसान पहुंचाने की घटना ने विधि व्यवस्था की स्थिति पर भी सवाल उठाए हैं। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और सभी पहलुओं की जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

वेशक यह घटना न केवल नालंदा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के लिए, बल्कि अन्य शैक्षणिक संस्थानों के लिए भी एक चेतावनी है। छात्रों की शिकायतों और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर समय रहते ध्यान देना आवश्यक है।
कॉलेज प्रशासन को चाहिए कि वे छात्रों के साथ संवाद का एक मजबूत तंत्र विकसित करें ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। साथ ही, परिसर में सुरक्षा और अनुशासन को बनाए रखने के लिए और प्रभावी कदम उठाए जाने की जरूरत है।
नालंदा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग अपने शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए जाना जाता था। आज इस घटना के कारण सुर्खियों में है। यह समय है कि सभी हितधारक छात्र, प्रशासन और सरकार मिलकर इस स्थिति से निपटें और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।
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