बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। महज 500 रुपये के लिए दोस्तों ने युवक को पहले नशीली दवा पिलाई और उसके बाद पीट-पीटकर उसकी हत्या करने के बाद शव को सुनसान जगह पर फेंक दिया। पुलिस पहले इसे संदिग्ध परिस्थितियों में मौत समझ रही थी, लेकिन जब वह मामले की पड़ताल की तो हत्या की सनसनीखेज वारदात सामने आई।
कहते हैं कि सोहसराय थाना पुलिस ने शव बरामद होने के समय यूडी केस दर्ज किया थाय़ लेकिन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के रहस्य से पर्दा उठा कि युवक की मौत नशा के ओवरडोज से नहीं, बल्कि उसकी पीट-पीटकर हत्या की गई थी। जिसकी पहचान सोहसराय के बीचबाजार निवासी स्वर्गीय दिलीप साव के 19 वर्षीय पुत्र कारू कुमार के रूप में हुई।
पुलिस के अनुसार पिछले सप्ताह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य के आधार पर पूरे मामले जांच शुरू की और इस मामले में नाबालिग संग दो नशेड़ी को गिरफ्तार किया। फिर उससे कड़ाई से पूछताछ की गई तो हत्या की चौंकाने वाला खुलासा हुआ।
बताया गया कि युवक कारू कुमार के पास 500 रुपये बकाया था। पैसा मांगने पर नहीं देने की बात कही गई। इसीलिए नशे की हालत में उसकी पीट पीटकर कर हत्या कर दी गई। गिरफ्तार आरोपियों में बीचबाजार निवासी मुन्ना यादव का पुत्र पिंटू कुमार और एक नाबालिग शामिल है।
दरअसल, बीते 27 मार्च को सोहसराय थाना पुलिस ने सलेमपुर पंचाने नदी किनारे झाड़ी से शव बरामद किया था। मौके से नशीली दवा का रैपर भी मिला था। जिसके बाद नशे के ओवरडोज से मौत का अंदेशा जताया जाने लगा था। पुलिस ने मृतक के भाई के बयान पर यूडी केस दर्ज किया। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद जो खुलासे हुए, उसे जान पुलिस की आंख फटी की फटी रह गई।
इसके बाद केस आईओ जमादार प्रदीप कुमार चौधरी के बयान पर हत्या का केस दर्ज हुआ। पड़ताल के दौरान पता चला कि घटना के पहले कारू को पिंटू और एक नाबालिग के साथ घूमते देखा गया था। उसके बाद पुलिस ने दोनों नशेड़ी संदिग्धों से कड़ाई से पूछताछ की। तब दोनों ने हत्या करने की बात कबूल की।
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