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E-Shikshakosh Portal: इन 20 स्कूलों के सभी शिक्षकों पर लटकी कार्रवाई की तलवार

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार नालंदा जिले के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति 1 सितंबर 2024 से ऑनलाइन दर्ज की जा रही है। इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा विकसित ई-शिक्षाकोष पोर्टल (E-Shikshakosh Portal) का उपयोग किया जा रहा है, जहां शिक्षक अपने स्मार्टफोन के माध्यम से रोजाना स्कूल पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज करते हैं। हालांकि बीते दिन प्राप्त पोर्टल की रिपोर्ट ने शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया। जिले के 20 स्कूलों में एक भी शिक्षक ने अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं की। जिससे विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

नालंदा जिले में कुल 2446 सरकारी विद्यालय हैं, जिनमें प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के स्कूल शामिल हैं। इन विद्यालयों में 15,924 शिक्षक कार्यरत हैं। बीते दिन की रिपोर्ट के अनुसार 741 शिक्षक छुट्टी पर थे। 1,608 शिक्षकों ने उपस्थिति दर्ज नहीं की। 20 स्कूलों में किसी भी शिक्षक ने ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर हाजिरी नहीं बनाई।

यह स्थिति तब है, जब शिक्षा विभाग द्वारा पोर्टल के माध्यम से स्कूलों की निरंतर निगरानी की जा रही है। विभाग ने साफ कर दिया है कि उपस्थिति दर्ज न करने वाले शिक्षकों और संबंधित प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा, और गड़बड़ी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

रिपोर्ट में उन 20 विद्यालयों की सूची जारी की गई है, जहां किसी भी शिक्षक ने उपस्थिति दर्ज नहीं की। ये स्कूल नालंदा जिले के विभिन्न प्रखंडों में फैले हुए हैं। सूची इस प्रकार है-

  1. अस्थावां: प्राथमिक विद्यालय गोविंदपुर
  2. अस्थावां: प्राथमिक विद्यालय श्री चंदपुर
  3. अस्थावां: प्राथमिक विद्यालय तार बिगहा
  4. बेन: उच्च विद्यालय अरावा
  5. बिहारशरीफ: उर्दू कन्या प्राथमिक विद्यालय आशा नगर
  6. बिहारशरीफ: टाउन हाइस्कूल बिहारशरीफ
  7. बिहारशरीफ: उर्दू कन्या प्राथमिक विद्यालय मोगल कुआं
  8. एकंगरसराय: हाइस्कूल बरसियावा
  9. गिरियक: प्राथमिक विद्यालय लक्खाचक
  10. हिलसा: प्राथमिक विद्यालय तीन रुखिया
  11. हिलसा: उच्च माध्यमिक विद्यालय इंदौत
  12. हिलसा: प्राथमिक विद्यालय छियासठ विगहा
  13. इस्लामपुर: प्राथमिक विद्यालय कल्याणपुर
  14. इस्लामपुर: प्राथमिक विद्यालय बांध रसलपुर
  15. करायपरशुराय: हाइस्कूल डियावा
  16. नूरसराय: प्राथमिक विद्यालय केवई
  17. रहुई: प्राथमिक विद्यालय राघोपुर सहोखर
  18. सरमेरा: प्राथमिक विद्यालय जगजीवनपुर
  19. सरमेरा: प्राथमिक विद्यालय खोजीपुर
  20. सरमेरा: प्राथमिक विद्यालय सोनडीहा

हालांकि शिक्षकों का कहना है कि ई-शिक्षाकोष पोर्टल में तकनीकी खामियां उनकी परेशानी का कारण हैं। कुछ शिक्षकों ने बताया कि वे समय पर स्कूल पहुंचते हैं। लेकिन पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज करने में दिक्कत होती है। कई बार उपस्थिति दर्ज होने के बावजूद अगले दिन उन्हें अनुपस्थित दिखाया जाता है। मखदुमपुर प्रखंड के शिक्षकों ने भी ऐसी ही शिकायतें की थीं।

इधर शिक्षा विभाग का मानना है कि कुछ शिक्षक जानबूझकर नियमों का पालन नहीं कर रहे। विभाग ने पहले भी कई शिक्षकों का वेतन रोककर कार्रवाई की है। नालंदा में ही फरवरी 2025 में 12 शिक्षकों और 4 प्रधानाध्यापकों का वेतन रोका गया था। क्योंकि वे समय पर उपस्थिति दर्ज नहीं कर रहे थे या स्कूल छोड़कर चले जाते थे।

जिला शिक्षा पदाधिकारी राज कुमार ने बताया कि ई-शिक्षाकोष पोर्टल के माध्यम से शिक्षकों की उपस्थिति की निगरानी पारदर्शी और प्रभावी तरीके से की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो शिक्षक उपस्थिति दर्ज नहीं कर रहे, उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। यदि जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी। पोर्टल की तकनीकी समस्याओं को दूर करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।

उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि बार-बार नियमों का उल्लंघन करने वाले शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के खिलाफ निलंबन जैसी कठोर कार्रवाई भी हो सकती है।

बता दें कि बिहार शिक्षा विभाग ने हाल के वर्षों में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। ई-शिक्षाकोष पोर्टल के अलावा विभाग ने मॉडल स्कूल स्थापित करने, शिक्षक-छात्र अनुपात को संतुलित करने और नवाचारी शिक्षकों को प्रोत्साहित करने की योजनाएं शुरू की हैं। इसके बावजूद शिक्षकों की लापरवाही और पोर्टल की तकनीकी समस्याएं विभाग के लिए चुनौती बनी हुई हैं।

विभाग ने यह भी आदेश दिया हैं कि सभी स्कूलों में शिक्षकों की तस्वीरें फ्लैक्स पर प्रदर्शित की जाएं, ताकि छात्र और अभिभावक अपने शिक्षकों को आसानी से पहचान सकें। यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उठाया गया है। लेकिन उपस्थिति की समस्या इसे प्रभावित कर रही है।

आगे शिक्षा विभाग ने उन 20 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को तलब किया है, जहां कोई उपस्थिति दर्ज नहीं हुई। साथ ही 1,608 शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। विभाग ने पोर्टल की तकनीकी समस्याओं को जल्द दूर करने का आश्वासन दिया है।

नालंदा के अभिभावकों और छात्रों में इस खबर से नाराजगी है। एक अभिभावक रामप्रसाद सिंह ने कहा कि शिक्षक अगर समय पर स्कूल नहीं आएंगे तो हमारे बच्चों का भविष्य कैसे बनेगा? सरकार को और सख्ती करनी चाहिए।

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